उत्तर प्रदेशलखनऊ

नये शिक्षा सत्र में स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों की बढी मुसीबतें

कापी किताबों की 4 गुना व ड्रेस की दोगुनी हुई कीमतें

कोर्ट के आदेश पर भी कोरोना काल की समायोजित नहीं हुई शुल्क

जीटी-70017 राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
4 अप्रैल 2023

औरैया। जिले में नये शिक्षा सत्र में सीबीएसई बोर्ड से संबंधित स्कूलों के अधिकांश संचालकों द्वारा कापी किताबों के मूल्यों में 4 गुना व यूनिफॉर्म आदि में 2 गुना तक कीमतें बढ़ाने के साथ ही कक्षा 5 से 12 तक के छात्र-छात्राओं से प्रवेश के नाम पर कक्षा के मुताबिक 10,000 रुपए से 30000 रुपए तक मनमाने तरीके से वसूल कर अभिभावकों की जेब पर सरेआम डाका डाला जा रहा है, वहीं कोर्ट के आदेश के बावजूद भी स्कूलों द्वारा कोरोना काल में बसूली गई फीस न्यायालय के आदेश के बावजूद भी उक्त निर्धारित फीस को नये शिक्षा सत्र की फीस में न तो समायोजित किया गया है और न ही छात्रों को उक्त शुल्क वापस की गई है, जिससे अभिभावक बेहद परेशान है। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही सीबीएसई माध्यम से संचालित स्कूल संचालकों की खूब बन आई है।
आलम यह है कि जिले के औरैया अजीतमल, बाबरपुर, फफूंँद, दिबियापुर, एरवाकटरा, उमरैन, कुदरकोट, वैवाह, बेला, याकूबपुर, सहार, अछल्दा, बिधूना, मल्हौसी, पुर्वा सुजान, रामगढ़, नेविलगंज, रुरुगंज, हरचंदपुर, लज्जानगर, कंचौसी व अटसू आदि कस्बों गांवों में संचालित स्कूलों के अधिकांश संचालकों द्वारा इस बार मनमाने तरीके से कक्षा के हिसाब से प्रवेश के नाम पर कक्षा 5 से लेकर कक्षा 12 तक के छात्रों से 10000 रुपए से 30000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। वही यूनिफार्म देने के नाम पर इस बार दोगुनी धनराशि वसूली जा रही है। स्कूल संचालकों द्वारा छात्रों की मासिक फीस में भी अचानक वृद्धि कर दी गई है। सबसे दिलचस्प और गौरतलब बात तो यह है कि छात्र छात्राओं को स्कूल से कापी पुस्तकें उपलब्ध कराने के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा प्रकाशकों से सांठगांठ बनाकर अपना मोटा कमीशन तय कर कापी किताबों के मूल्यों में भी 4 गुना तक वृद्धि कर दी गई है। स्कूल संचालकों की मनमानी का आलम यह है कि पिछले दिनों उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा रूपेश कुमार द्वारा शिक्षा निदेशक जिलाधिकारियों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को कोरोना काल दौरान बसूली गई फीस को जारी किए गये निर्धारित नियमों के मुताबिक संबंधित छात्रों को या तो वापस करने या फिर नए शिक्षा सत्र में उनकी फीस में समायोजित करने का निर्देश दिया गया था, किंतु इसके बावजूद जिले में फिलहाल कहीं भी उक्त आदेश का अनुपालन होता नजर नहीं आया है, जिससे अभिभावक बेहद परेशान है। भाकियू के जिलाध्यक्ष विपिन राजपूत, अनिल कुमार सिंह, श्याम सुंदर शाक्य व राजू सेंगर आदि क्षेत्रीय जागरूक लोगों ने जल्द मामले की जांच करा कर अभिभावकों के शोषण में लिप्त स्कूल संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करते हुए समस्या का निराकरण ना होने पर इसके खिलाफ आंदोलनात्मक कदम उठाने की भी चेतावनी दी है।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button