जिम्मेदारों की अनदेखी का शिकार सामुदायिक शौचालय बना सफेद हाथी

ग्लोबल टाइम्स 7 न्यूज़ नेटवर्क0004
शिव शंकर पाण्डेय
कानपुर देहात
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगभग ग्राम पंचायतों में बनवाए गए सामुदायिक शौचालय गंदगी तो कहीं तालाबंदी होने के शिकार हो गए हैं।सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अब दम तोड़ती नजर आ रही है ।बताते चलें कि विकासखंड मैथा के नेवादा देवराय गांव में बना सुपर शौचालय तालाबंदी का शिकार हो गया है।जहां शौचालय के अंदर फैली गंदगी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखा रही है ।अक्सर ताला बंद रहने से स्थानीय लोगों में बंसलाल, गोरेलाल यादव, विजय कुमार, नत्थू राठौर, करुणा शंकर, मुकेश व नवनीत तिवारी सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि सुपर शौचालय में ताला बंद रहने से लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। जबकि शौचालयों की देखरेख के लिए केयरटेकर की तैनाती की गई है और साफ सफाई के लिए तीन व केयरटेकर को छह हजार रुपए मानदेय पर रखा गया है लेकिन सचिव की मनमानी के चलते 9 माह से साफ सफाई का पैसा गांव स्तर पर बने सारिका स्वयं सहायता समूह में नहीं डाला जा रहा है।

जिससे साफ सफाई को लेकर दिक्कत पैदा हो रही है। जिससे केयरटेकर व सचिव की मिलीभगत से शौचालय सफेद हाथी साबित हो रहा है। जहां सारिका स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष आकांक्षा व कोषाध्यक्ष पूनम तथा सचिव नीलम ने आरोप लगाया कि ग्राम सचिव उनसे साफ सफाई के लिए आने वाले पैसे की प्रतिमाह दो हजार रुपए की मांग करता है। जिससे महिलाएं पैसे देने में से साफ इंकार कर रही हैं जिससे झुंझलाए सचिव ने 9 माह से पैसों का डोंगल नहीं कर रहा है। वहीं केयरटेकर से ले दे कर उसका मानदेय प्रतिमाह डाल दिया जाता है और केयरटेकर घर बैठे पगार उठा रहा है। जहां जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते शौचालय मात्र सफेद हाथी साबित हो रहा है।