राज्य/ केंद्रीय /रेलवे कर्मचारियों का पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संयुक्त मंच के तत्वाधान में आयोजित हुआ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन

ग्लोबल टाइम्स 7 न्यूज़ नेटवर्क जिला इटावा ब्यूरो चीफ बृजेश पोरवाल
इटावा-विकास भवन में जिले के समस्त विभागों सहित केंद्रीय कर्मचारियों, रेलवे, पोस्ट ऑफिस, आयकर विभाग, के कर्मचारियों के द्वारा धरना प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर भाग लिया गया !
धरना स्थल पर जाने से पूर्व सभी केंद्रीय रेलवे और राज्य सरकार के कर्मचारी आर एम एस ऑफिस रेलवे प्रांगण में एकत्रित हुए , जहां से रैली के रूप में गगनभेदी नारे लगाते हुए विकास भवन में धरना प्रदर्शन किया!
पदाधिकारियों के द्वारा अवगत कराया गया है कि वर्ष 2023 पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष वर्ष घोषित किया जा चुका है , यहां एक देश एक कानून के तहत पेंशन की मांग की गई कर्मचारियों के द्वारा यह भी कहा गया नेताओं सांसद और विधायकों को पुरानी पेंशन दी जा रही है , तो कर्मचारियों को क्यों नहीं । कर्मचारी 18 वर्ष की उम्र के बाद सेवा में आता है और 60 वर्ष तक कार्य करने के बाद उसे एनपीएस पेंशन का लॉलीपॉप थमा दिया जाता है । यह कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय है कर्मचारी भी एक सामाजिक प्राणी है जिसे अपनी सामाजिक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए पुरानी पेंशन बहाल किया जाना अति आवश्यक है ।

प्रांतीय अध्यक्ष श्री हरीकिशोर तिवारी के नेतृत्व में किसी भी स्तर पर आंदोलन करने की पूर्ण तैयारी की जा चुकी है भविष्य में अमलीजामा पहनाने का कार्य किया जाएगा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राजेश मिश्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा केंद्रीय कर्मचारी संगठन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ संयुक्त रूप से पुरानी पेंशन बहाली हेतु मंच तैयार हो गया है पूरे देश का कर्मचारी अब पुरानी पेंशन बहाली के लिए तैयार है यदि सरकार अभी नहीं चैती तो कर्मचारी समाज केंद्र के साथ मिलकर आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है रेलवे संगठन के सह संयोजक दलेल सिंह यादव ने कहा यदि समय रहते सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो रेलवे संगठन रेल का चक्का जाम करने से भी नहीं चूके गा अब लड़ाई आर-पार की होगी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला मंत्री पवन श्रीवास्तव ने कहा वर्तमान समय में सरकार की स्थिति ब्रिटिश अधिकारियों जैसी होती जा रही है जहां मिलिट्री घोड़े को तब तक इस्तेमाल किया जाता था जब तक वह उनके काम का होता था और उसकी उम्र पूरी होने पर उसको गोली मारकर दफना दिया जाता था आज सरकार ने कर्मचारियों की भी यही स्थिति बना दी है जब कर्मचारी 60 वर्ष का हो जाएगा तब उसके पास ना कार्य करने की क्षमता होगी और ना सामाजिक सुरक्षा और ना अपना जीवन यापन करने के लिए पेंशन होगी ऐसी स्थिति में वह वह उसी बूढ़े घोड़े के सामान होगा आज केंद्र सरकार भी कर्मचारियों के संगठित होने के कारण पुरानी पेंशन बहाली के लिए तरह तरह की समितियां बना रही है और पेंशन देने वाले राज्यों में अपने अधिकारियों को भेज कर पेंशन देने के संबंध में जानकारी प्राप्त कर रही है यह उनका अपने आप अंदर भय का एक प्रमाण है पोस्टल विभाग के अध्यक्ष आज तो त्रिवेदी ने कहा कि सरकार को नजाकत समझते हुए पुरानी पेंशन को बाहर कर देना चाहिए आयकर विभाग के सचिव शुगर सिंह ने कहा हमारा विभाग केंद्रीय सरकार से शीघ्र से शीघ्र पुरानी पेंशन बहाल की मांग करता है कलेक्टर संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद शर्मा जिला मंत्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा ओ पी एस की मांग कर्मचारियों के भविष्य जुड़ी हुई है इसको तत्काल लागू किया जाना चाहिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं संरक्षक दिलीप मिश्रा ने सभी कर्मचारियों का आह्वान किया सभी लोग एकजुट कर होकर संघर्ष करेंगे तो सरकार को झुकना ही पड़ेगा अभी तक केंद्रीय कर्मचारी हमारे साथ नहीं थे जिससे हमारी मांग कमजोर रहती थी परंतु अब हम बहुत ही मजबूत स्थिति में है पूर्व जिला मंत्री एवं संरक्षक प्रदीप सक्सेना ने सभा का संचालन करते हुए कहा अभी नहीं तो कभी नहीं का सिद्धांत लागू होता है कमर कस कर हमें सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार रहना है ग्राम विकास संघ के जिला अध्यक्ष पूरन सिंह प्रशांत पोरवाल उमाशंकर गुप्ता अवनीश मिश्रा कृपा शंकर यादव संजीव श्रीवास्तव अशोक यादव अशोक शर्मा अनूप यादव बृजेश यादव प्राथमिक शिक्षक संघ श्री नारायण दुबे माध्यमिक शिक्षक संघ गुरुप्रसाद राजेंद्र सिंह यादव आलोक पाराशर रामकुमार बरुआ कमलेश कुमार अनिरुद्ध चौहान रामकेश यादव रामजी यादव सुमेश अवस्थी राकेश सक्सेना पीडब्ल्यूडी ज्ञान सिंह राही विपिन धनगर अजय कुमार ज्ञान सिंह राही आदि कर्मचारियों ने सभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से केंद्र एवं राज्य सरकार को चेतावनी दी यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो राज्य एवं केंद्र की पूरी मशीनरी को बंद कर दिया जाएगा इसके अतिरिक्त अन्य विभागों के कर्मचारियों में गजेंद्र सिंह आबिद अली शिव शंकर यादव कृष्ण कुमार तिवारी गायत्री वर्मा अंजू वर्मा जयप्रकाश यादव रामकुमार यादव आरती नूतन यादव प्रीति वर्मा पूजा भदोरिया सुनील पालीवाल शोभा रानी पिंकी कुशवाह निर्मल जैन केंद्र यादव अरविंद यादव अभिषेक भदौरिया मोहम्मद मिस्बाह धर्मेंद्र सिंह रामफेर अजय सिंह प्रजापति शिवराम सिंह पुष्पेंद्र सिंह शुभम कुमार अनिकेत कुमार अजय प्रताप सिंह राहुल सिंह अखिलेश कुमार रेनू भदौरिया कृष्णा देवी अलंकार विवेक कुमार मनोज कुमार शिवरतन कठेरिया अगर मिश्रा योगेंद्र मनोज कुमार यादव दुर्गेश अग्रवाल रोहित यादव ऋषि चतुर्वेदी मनोज त्रिपाठी पंकज चौहान राजकुमार वर्मा उमेश कुमार आसाराम सेस कुमार सुनील शर्मा मनोज कुमार संजीव कुमार विशेष कुमार पांडे अब्बास अली श्री कृष्ण दुर्गेश भारती आदि हजारों संख्या में केंद्रीय एवं राज्य के कर्मचारियों की सहभागिता रही!