बरेली पुलिस ने पीलीभीत जेल के सिपाही को अरेस्ट किया अशरफ से अतीक गैंग के लोगों की मुलाकात करवाता था।

ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज़ नेटवर्क,लखनऊ
उत्तर प्रदेश (प्रयागराज मेजा)
ओमप्रकाश विश्वकर्मा
प्रयागराज24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड से पहले आरोपितों ने बरेली जेल आकर अशरफ से कई बार मुलाकात की थी। जेल अधिकारियों की मिलीभगत से अशरफ के गुर्गों की बिना पर्ची मिलाई कराई जाती थी।के उमेश पाल हत्या की पूरी प्लानिंग बरेली सेंट्रल जेल में हुई। इस मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और पांच आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक भी जांच में दोषी बताए जा रहे हैं। शासन स्तर से कार्रवाई का इंतजार है। एसआईटी ने जेल वार्डर (सिपाही) समेत दो लोगों को जेल भेजा है.एसटीएफ के सामने ऐसे कई बिंदु आने के बाद शासन ने डीआइजी जेल बरेली आरएन पांडेय को इन सभी की भूमिका की जांच सौंपी थी। सोमवार सुबह उन्होंने रिपोर्ट भेजी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई।इससे पहले इस मामले में बरेली पुलिस ने पीलीभीत जेल के सिपाही मनोज कुमार गौड़ को अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि वह बिना ID अशरफ से अतीक गैंग के लोगों की मुलाकात करवाता था। अवैध तरीके से मुलाकात कराने के मामले में अभी तक 2 सिपाही समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है।