उत्तर प्रदेशलखनऊ

ब्रह्मज्ञानी निरंकार की रजा में रहकर प्रभु इच्छा को मानते हैं शुभ __ महात्मा रणविजय सिंह

ग्लोबल टाइम्स-7
डिजिटल
न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात
पुखरायॉ

संत निरंकारी मिशन के महात्मा रणविजय सिंह ने कहा कि ब्रह्म ज्ञानी निरंकार की रजा में रहते हैं वह प्रभु इच्छा को शुभ मानते हैं और हर हाल में खुशी महसूस करते हैं lसभी एक दूसरे का आदर सम्मान करते हैं किसी से छल कपट नहीं करते हैं l
महात्मा रणविजय सिंह शुक्रवार को भोगनीपुर में संतु भवन में निरंकारी आध्यात्मिक सत्संग को संबोधित कर रहे थेl उन्होंने कहा कि यह प्यार नम्रता जिंदादिली और सहनशीलता की मिसाल ही निरंकारी ब्रह्म ज्ञानी महात्मा इसी की रजा में रहते हैं। ब्रह्म ज्ञानी संसार के सभी बंधनों से मुक्त होते हैं । यह स्थानों अथवा समय के बंधन में नहीं होते हैं ब्रह्म ज्ञानी हर समय निराकार ब्रह्म को अपने अंग संग देखते हैं और इसकी आराधना करते हैं । मुक्त अवस्था में रहते हुए ब्रह्म ज्ञानी सदैव इस निराकार दातार का यस करते हैं संतों का काम तो युगों युगों से यही रहा है कि वह ब्रह्म ज्ञान की दांत प्राप्त कर संपूर्ण संसार की सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर भलाई करते जाते हैं । दातार कृपा करें कि हर किसी के मन में सारे संसार के लिए प्यार करना दया सहनशीलता आदि गुण बस जाएं जिससे सारा संसार में सभी सेवा भाव से हर एक का सहयोग करते हुए धरती पर स्वर्ग का नजारा बनाता चले जाएं । और यह शुरुआत खुद से करी जाए ।उन्होंने कहा कि भक्ति की शुरुआत ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति से ही होती है इसीलिए हर के लिए जीवन के मूल लक्ष्य प्रभु की अनुभूत करना आवश्यक है । भक्त जब प्रभु की भक्ति में डूब जाता है तब ह्रदय में प्रेम उठता है मुक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभु मुक्ति के बाद भक्ति भरा जीवन जिया जाता है ।जब यह अवस्था कायम रहती है तभी मुक्ति पद को पाया जा सकता है।
महात्मा रणविजय सिंह ने कहा कि हमें भक्ति में जीवन जीना है हम सबके मन में यह भाव बना रहे कि प्रभु की कृपा से ही हमें यह सत्संग प्राप्त हो रहा है युगों युगों से सत्संग की महिमा हम सुनते आ रहे हैं कि निरंकार से जोड़ना है तो हमें सेवा सिमरन और सत्संग करना है ।अगर हम इस बात की गहराई में जाएं तो पाएंगे कि हमारे जीवन में सेवा सिमरन सत्संग में अगर कोई एक भी पहलू कमजोर है तो हमसे भक्ति नहीं हो सकती और धीरे-धीरे यह ज्ञान भी हम भूलते जाते हैं हमें अपने जीवन की तमाम सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए आध्यात्मिक पक्ष भी मजबूत करना है। निरंकारी मिशन सतगुरु माता सुदीक्षा जी यही संदेश दे रही हैं कि हमारे सामने वाला जब हमसे खुश हो तो हम सच्चे निरंकारी हैं । संत निरंकारी मिशन कानपुर जोन के जोनल इंचार्ज के पावन आशीर्वाद से संतूभवन भोगनीपुर में निरंकारी आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया । इस अवसर पर रघुनंदन पवन कुमार चेतन दास रामबाबू पाल संजय चक बीके यादव संतोष गुप्ता प्रतीक कमल जी बेबी राजा भाई अनीता आदि उपस्थित थे सत्संग के बाद प्रसादी का भी आयोजन किया गयाl

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