आग लगाकर जमालव हुए बगल, जाने सूबे के मुखिया !

#कानपुर #देहात
विगत कुछ समय से कानपुर का प्रशासन तो ऐसे सुर्खियों में बना हुआ है,, जैसे कोई उठती हुई राजनीतिक पार्टी जो अपने तरह तरह के कारनामों से अक्सर सुर्खियों में बने रहने का प्रयास करता है, उसी प्रकार कानपुर देहात प्रशासन की भी तूती बोल रही वो भी सुर्खियों में बना हुआ है।
वैसे तो जनता को यही पता था उत्तर प्रदेश में बाबा गोरखनाथ की तूती बोल रही है, अपराधी भाग कर बिल में घुस रहे आत्म समर्पण कर रहे हैं , माफियाओं की बिल्डिंग पर बुलडोजर चल रहा है, जनता भी बाबा की उछल उछल कर जय जय कार रही है,
पर कुछ समय से मामला उल्टा पुल्टा हो रहा है!
कानपुर देहात की आये दिन एक बाद एक घटनाओं से योगी जी से ज्यादा कानपुर का प्रशासन सुर्खियां बटोर रहा है,, तो क्या अब जनता सरकार पार्टी व नेता को वोट न देकर कर्मचारियों का चुनाव करे !
कुछ समय पहले एक निर्दोष की युवक की पुलिस पिटाई से मौत हुई , जिस पर कुछ समय राजनीतिक गहमा गहमी के बाद मामला किसी तरह तोड़ मरोड़ कर शांत किया गया !
अब सोचिए जो नहीं रहा उसके परिवार का जिम्मेदार कौन होगा परिवार दुःख को कैसे सहन कर रहा होगा !
परिवार कर भी क्या सकता है,, जब रक्षक ही भक्छक बन जाए तो क्या कोई क्या करे बर्दाश्त तो करना ही पड़ेगा ,, अभी यह मामला पूरी तरह शांत नहीं हो पाया था !
आग लगा कर जमालाव बगल!
अभी एक दूसरी घटना भी सामने आ गई मड़ैया कानपुर देहात
जिसमें माँ बेटी आग में जलकर राख हो गई ! इनको प्रशासन द्वारा बताया गया था ये भू माफिया हैं, ये जमीन को कब्जा करते थे ,, अब एक मजाकिया सवाल क्या भू माफिया एक कुटिया में आसानी से आग लगा कर जल कर मर सकता है।
जबकी बेटा बोल रहा है,, की हमारे ऊपर तरह तरह का दबाव बनाया जा रहा है,, की कहो मेरी माँ बहन ने आत्महत्या किया !
इसमें प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है, यह आत्म हत्या है,, चलो यह भी अच्छा ही है। तो सवाल यह है,की मजबूर किसने किया आत्महत्या करने पर वैसे कोई इतनी आसानी से जलकर नहीं मर जाता तो अपराधी कौन है भाई पता लगा क्या ?

अब यह सवाल है!
प्रसाशन के जानकारी में होते हुए नजर के सामने आग में जलकर कोई कैसे मर सकता है,, बचाने का प्रयास ना करके खुद बचकर निकल लिए इसी को कहते हैं, आग लगाकर जमालव हुए बगल !
अब एक पत्र शासन द्वारा जारी किया गया है, जिसमें आम जनता से कहा जा रहा जिसको जो जानकारी है ,,, बयान पत्र के साथ बताए अब जाँच किया जाएगा फिर कार्यवाही होगी,,
अब जनता बयान पत्र के साथ यह बताए की आग किसने लगाई , दोषी कौन है, लेखपाल, कानून गो, उपजिलाधिकारी, य जिलाधिकारी, य फिर वर्तमान सूबे के मुख्यमंत्री !
अरे साहब इतना भयंकर माजक आम जनता से मत करो नहीं तो आग को छोड़ो जो बचे हैं,सदमे से मर जाएंगे !
जब मीडिया से कहा जा रहा है,, खबर हिंसाब किताब से लिखा जाए तो जब एक पत्रकार हिंसाब से बैलेंस बना कर खबर लिख रहा है, तो आम जनता बयान हेल्फ़ी लगाकर प्रशासन से दुश्मनी लेगा ,, ये तो वही बात हुई आ बैल मुझे मार ,,
चलो आपकी माया आप ही जाने ,,
बाकी गोरक्षनाथ बाबा जानें! इस लेख में किसी का नाम आदि डालकर किसी के व्यक्तिगत भावना को आहत नहीं किया गया है , समाज में घट रही प्रशसनिक लापरवाहीयों से कुछ घटी घटनाओं उल्लेख कुछ शब्दों में किया गया है,, ताकि शान्ति सौहार्द बना रहे !
ग्लोबल टाइम्स 7 न्यूज नेटवर्क लखनऊ से संजय सिंह !