भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ माँ बेटी का अंतिम संस्कार

आला अधिकारियों के साथ साथ अंतिम यात्रा के शामिल हुए हजारों लोग
ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज़ नेटवर्क
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
15 फरवरी 2023
शिवली कानपुर देहात, शासकीय अव्यवस्थाओं तथा शासकीय निर्देशों की उपेक्षाओं का परिणाम अग्नि कांड की शिकार बनी माँ बेटी की अंतिम यात्रा में शासन के आला अफसरों के साथ साथ हजारों लोगों ने शामिल हो कर अश्रुपूरित अंतिम बिदाई दी, आज सुबह माँ बेटी की अंतिम संस्कार के लिए जाती हुई अर्थी को पुलिस अधीक्षक बी. बी. जी. टी.एस. मूर्ति ने अपना कंधा दिया | माँ बेटी का अंतिम संस्कार विठूर घाट पर किया गया जहाँ कमिश्नर राजशेखर तथा आइ. जी. प्रशांत कुमार ने पहुँच कर मृत आत्माओं को पुष्पांजलि अर्पित किया, इस दौरान अंतिम संस्कार स्थल पर अनेक अधिवक्ता, ब्राह्मण महासभा के कार्यकर्ता, विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ साथ हजारों लोग उपस्थित रहे ।

माँ और बहन की चिता में आग लगाते समय भाई भावुक हो कर बिलख पड़ा, वही पिता की आंखों के सामने जलती हुई दोनों चिताओं ने कृष्ण गोपाल दीक्षित को विह्वल कर दिया और बिलखते हुए कहने लगे कि मार्च के महीने में जिसके हांथ पीले करने थे उसी को आज कंधा देना पड़ा, तथा सात फेरे लेकर जीवन भर का साथ देने का वादा करके पत्नी भी हमारा साथ छोड़ गयी, ऐसी भावुकता से परिपूर्ण बातों को सुनकर वहाँ उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं |
मड़ौली गाँव में हुए अग्निकांड में जल कर मरीं माँ बेटी प्रमिला और नेहा का अंतिम संस्कार आज विठूर में किया गया , पिता कृष्ण गोपाल दीक्षित की उपस्थिति में दोनों बेटों शिवम और अंश ने धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार पिंडदान करते हुए पंचदाग दिया, इससे पूर्व वहां उपस्थित शासन के अधिकारियों द्वारा मृत शरीरों पर पुष्पांजलि देकर उनका सम्मान किया गया और मृत आत्माओं को शांति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की गई चिता में मुखाग्नि देने के बाद भाई ने बिलखते हुए कहा कि राखी बांधते समय रक्षा करने का वचन दिया था किंतु आज उन्ही हांथों से आज मुखाग्नि दे रहा हूँ, जिन माँ को मुझसे सेवा करने की उम्मीद थी उनकी सेवा तो नहीं कर सका इन हांथों से मुखाग्नि देनी पड़ी, इन बातों को सुनकर वहाँ उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो गई, परिवार के लोगों तथा अन्य बुजुर्गों ने दोनों बच्चों को ढांढस बंधाकर सांत्वना दी वहीं पिता पुत्री के हांथ पीले न कर पाने के कारण हाल बेहाल थे, इस कारुणीक दृश्य देखकर वहां उपस्थित जन समुदाय अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे||