उत्तर प्रदेशलखनऊशिक्षा

कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में बरामद हुई सर्व शिक्षा अभियान की यूनिफॉर्म

भिटौरा ब्लाक के कई सरकारी अध्यापकों के दस्तावेज भी बरामद

सूत्रों की मानें तो मायावती शासन काल की है बच्चों की ड्रेस

अगर नहीं उपयोगी थी यूनिफॉर्म तो गरीब बच्चों को देते बांट, लाखों की ड्रेस जलाना बना चर्चा का विषय..!
उत्तरी मुराइनटोला महिला डिग्री कॉलेज मार्ग में खाली पड़े प्लाट से बरामद हुई सामग्री
सूचना पर पहुंचे बीईओ नगर, दस्तावेज व ड्रेस बरामद कर जांच कर कार्रवाई का दिया आश्वासन

Ashish singh
District correspondent
Global times 7news network fatehpur

फतेहपुर। सर्व शिक्षा अभियान की जमीनी हकीकत जाननी हो तो फतेहपुर के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न ब्लाकों में स्थित विद्यालयों में जाकर देखा जा सकता है। आए दिन किसी न किसी सरकारी विद्यालय में शिक्षण कार्य को लेकर तो कभी-कभी बच्चों से स्कूल की साफ-सफाई कराने समेत अन्य गंभीर मामले अखबारो की सुर्खियां बने रहते हैं। इस बार जिले का भिटौरा ब्लॉक सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को मिलने वाली लाखो की यूनिफॉर्म जलाने व इसी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के अहम सरकारी दस्तावेज बरामद होने का मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों की माने तो शहर के उत्तरी मुराइन टोला महिला डिग्री कॉलेज संपर्क मार्ग में स्थित एक खाली प्लाट से भारी मात्रा में जली व आग से बची हुई सुरक्षित सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चो को बाटी जाने वाली यूनिफार्म व कई शिक्षकों के अहम दस्तावेज कूड़े के ढेर से बरामद हुए। इलाकाई लोगों की शिकायत पर मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी नगर ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की और भारी मात्रा में जलाई गई एवं सुरक्षित यूनिफार्मो का सैंपल एकत्र किया। इसके अलावा बड़ी संख्या में भिठौरा ब्लाक अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के अहम दस्तावेज बरामद किए। जांच अधिकारी ने बताया कि यह यूनिफार्म उनके हिसाब से मायावती शासन काल की है, किंतु भारी मात्रा में यूनिफार्म को जलाना और शिक्षकों के दस्तावेज कूड़े के ढेर में फेंकना समझ से परे है। उनका कहना रहा कि अगर यूनिफॉर्म विद्यालय में चलायमान नहीं थी तो यूनिफॉर्म गरीब बच्चों को बांट देनी चाहिए थी जिससे गरीब परिवार के बच्चों को ठंड से राहत प्रदान होती, किंतु यूनिफार्म को जलाना गंभीर विषय है और इसकी वह जांच कराएंगे। हालांकि मामला कुछ भी हो किंतु जिस तरह से बच्चों को बांटे जाने वाली यूनिफार्म कूड़े के ढेर में जलाई गई व सरकारी अध्यापकों के दस्तावेज फेंके गए जो एक गंभीर घोटाले का संकेत देते हैं। अगर इस मामले की सही से जांच की जाएगी तो गंभीर मामला प्रकाश में आ सकता है और दोषियों पर बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।

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