उत्तर प्रदेशलखनऊ

कारी-कलवारी से लुखड़दौरा सड़क मार्ग मानक के अनुरुप न बनने से ग्रामीणों में रोष

ग्लोबल टाइम्स 7
न्यूज़ नेटवर्क टीम
रिजवान खान
अकबरपुर

रूरा कानपुर देहात रूरा शिवली मार्ग से कारी-कलवारी लुखड़दौरा लिंक मार्ग पर चल रहा मरम्मत कार्य मानक के अनुरुप न होने पर ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। जर्जर मार्ग पर मरम्मत कार्य में खानापूर्ति करने का आरोप लगाया। आक्रोशित ग्रामीणों ने चेताया कि गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं कराया गया तो लोग हर स्तर से आवाज उठाने को बाध्य होंगे।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले पंद्रह नवम्बर तक प्रदेश की सभी सड़कें गड्डा मुक्त कराने का वादा किया था किसी कारणवश कार्य न होने पर अगली तारीख तीस नवम्बर रखी है जिसमें कार्य तो सुरु हो गया है लेकिन ग्रामीणों की माने तो सिर्फ़ खाना पूर्ति हो रही है। लुखड़दौरा निवासी अनुज कुमार ने बताया जहां पर कम गड्ढे हैं वहाँ हल्का सा डामर गिट्टी लगा दी है जो बड़े गड्ढे हैं वो जस के तस बने हुए है गाँव के ही अनिल सिंह पूर्व बी.डी.सी. का कहना है सड़क के किनारे पाँच-पाँच फुट के गड्ढे हैं जिसमे मिट्टी भरी जानी थी जो नहीँ भरी गई जिसमें अक्सर लोग गिर कर चोटिल होते रहते हैं। गाँव के ही अशोक कुमार की माने तो सड़क किनारे आधी सड़क कटी हुई है अगर उसमें मिट्टी नहीँ भरी जाती है तो बहुत जल्द ये पूरी तरह से टूर जाएगी लुखड़दौरा निवासी प्रदीप पाल ने विचौलियों और ठेकेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा ऊपर सरकार से तो पैसा बहुत सी योजनाओं के लिए आता है लेकिन उसका बंदरबांट हो जाता है और सरकार बदनाम होती है,
वहीँ सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा अगर इसमें गुडवत्ता पूर्ण काम नहीं होता है तो हम लोग इसकी आवाज़ उठाएंगे
इस दौरान शिवपाल पाल, अंकित पाल, अरविंद सविता, विजयपाल सविता, रवि पाल, अशोक यादव आदि लोगों ने बताया कि उक्त सड़क पूरी तरह जर्जर हो गया है। कई बार मांग होने पर मरम्मत काम शुरु हुआ है। मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। मानक की अनदेखी होने से क्षेत्रीय जनता में रोष बढ़ता जा रहा है। बार.बार लोग विभागीय अमला को इससे अवगत करा रहे हैं लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। करोड़ों खर्च के बावजूद सड़कों की दशा नहीं सुधर पा रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यानाकृष्ट कराते हुए मानक के अनुरुप मरम्मत कार्य कराए जाने की मांग ।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button