उत्तर प्रदेशलखनऊ

शासकीय नीतियों तथा व्यवस्था की उपेक्षा का परिणाम हैं अवैध क्लीनिक


अधिकारियों की निष्क्रियता ही जनक हैं अवैध क्लीनिकों के
ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज़ नेटवर्क
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
23 नवम्बर 2022
शिवली कानपुर देहात, विभागीय निष्क्रियता ही अवैध कार्य का जन्मदाता होता है, यहाँ पर भी यह पूर्णतः चरितार्थ हो रहा है| शासकीय संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों की उदासीनता तथा शासन की नीतियों का सही तरीके से अनुपालन न करना ही अवैध क्लीनिकों के लिए बरदान साबित हो रहा है | पी. एच.सी. के खुलने का समय सुबह 8 बजे तथा बन्द होने का समय 4 बजे का है किन्तु वास्तविकता कुछ और ही है एवं सी.एच. सी. तो 24 घन्टे खुलने का है, शिवली केन्द्र में स्वास्थ्य सेवा से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध ही नहीं हैं और रात्रि के समय केवल रेफर सेंटर के रूप में कार्य किया जाता है, ऐसी स्थिति में परेशान नागरिकों को निजी क्लीनिकों का ही सहारा रह जाता है, आखिर इस व्यवस्था का उत्तरदायी कौन है? निरंकुश हुई शासकीय व्यवस्था पर जब तक अंकुश नहीं लगाया जाएगा तब तक इन अवैध रूप से संचालित होने वाले क्लीनिकों को बन्द करना बहुत बड़ी चुनौती होगी, बाघपुर ही नहीं पूरे जिले में ऐसी सैकड़ों क्लीनिकें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं जिन्हें किसी न किसी का संरक्षण मिल रहा है, जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकता ही पूरी करके इतिश्री कर ली जाती है और इसके बदले क्या लिया जाता है सभी लोगों को पता रहता है|औपचारिकता के नाम पर एक दो छोटे स्तर के कलीनिकों पर कार्यवाही तो कर दी जाती है किंतु बड़े स्तरीय लोगों पर कार्यवाही करने से बचा जाता है आखिर क्यों? ऐसी स्थिति में भ्रष्टाचार कभी भी समाप्त नहीं हो सकता है|जब तक जिम्मेदार अधिकारी अपने दायित्वों के प्रति उदासीन रहेंगे तब तक इन अवैध क्लीनिकों का संचालन होता रहेगा |

Global Times 7

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