उत्तर प्रदेशलखनऊ

द्वेष भावना से जारी यूटा के मण्डल अध्यक्ष के बर्खास्तगी आदेश को हाईकोर्ट ने किया निरस्त

शिक्षकों ने खुशी जताई, बोले-सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, हेड क्वार्टर संवाददाता विकास अवस्थी।

दिबियापुर,औरैया। बेसिक शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने में अग्रणी भूमिका में कार्यशील शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के मण्डल अध्यक्ष देवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ नीरज राजपूत की बर्खास्तगी आदेश को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया। गत 2 मई को तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चन्दनाराम यादव ने कम्पोजिट विद्यालय दलीपुर ब्लॉक अछल्दा में बतौर सहायक अध्यापक कार्यरत देवेन्द्र प्रताप सिंह की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया था।
शिक्षक संगठन यूटा के मण्डल अध्यक्ष नीरज राजपूत व जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल सहित कुछ अन्य पदाधिकारियों के विरुद्ध ब्लॉक बिधूना के तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी ने शिकायत की थी जिसके आधार पर तत्कालीन बीएसए चन्दनाराम यादव ने उक्त दोनों ही शिक्षक नेताओं की सेवा समाप्त कर दी थी, शिक्षकों ने अपनी बर्खास्तगी के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका योजित कर जांच अधिकारी कृपाशंकर यादव तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रेषित जांच आख्या को एकपक्षीय बताते हुए आरोप लगाया था कि उनके द्वारा गत चार वर्ष पहले बीएसए कार्यालय के भ्रष्ट बड़े बाबू विनीत पांडेय को रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम से गिरफ्तार करवाया था, प्रकरण में गवाही न देने के लिये भारी विभागीय दबाव था,लेकिन उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ न्यायालय में अपनी गवाही दी थी। इसके अतिरिक्त तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल में कई अन्य बाबुओं ने भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा कर दी थी जिसकी शिकायत उन्होंने संगठन के पदाधिकारी की हैसियत से उच्चाधिकारियों से की थी जिसके चलते तत्कालीन बीएसए ने षड्यंत्र के तहत निजी द्वेष भावना के चलते उनकी सेवा समाप्त कर दी है। वादी के विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा और दिनेश तिवारी ने अपनी दलील में बर्खास्तगी आदेश को एकपक्षीय जांच आख्या के आधार पर, विभागीय नियमों के विपरीत, नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत की अवहेलना कर,निजी द्वेष भावना से ग्रसित होकर जारी बताया।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने दोनों पक्षों की सुनवाई के उपरांत शिक्षक नेता की बर्खास्तगी आदेश को पूर्णरूपेण नियम विपरीत मानते हुए निरस्त कर दिया है। संगठन के मण्डल अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष के विरुद्ध हुई कार्यवाही को न्यायालय द्वारा निरस्त किये जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए हर्ष व्यक्त किया और इसे शिक्षकों की जीत बताया संगठन के जिला महामंत्री विनय कुमार वर्मा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष आलोक बाबू गुप्ता ने कहा है कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। संगठन के जिला कोषाध्यक्ष विशाल पोरवाल, शिवबालक वर्मा, राहुल यादव, आशीष त्रिपाठी, मुहीत सिद्दीकी, धर्मेंद्र अम्बेडकर, शरद कुमार, दीपक गुप्ता, सुनीता कटियार, ज्ञान प्रकाश बाथम, विपुल चौहान, प्रवीन त्रिपाठी,नरेंद्र कुशवाहा, मुर्शिद सिद्दीकी, शशिकांत गौतम, रोहित उपाध्याय, शशांक सैनी, प्रशांत लोहिया, वरुण कुमार, अवनीश राजपूत, नेत्रपाल सेंगर, ओमकार गौतम, पंकज कुमार, कुलदीप तिवारी, मयंक शाक्य, प्रशांत चतुर्वेदी, रविकांत पोरवाल, आदित्य गुप्ता, विजय वर्मा, मुकेश राजपूत, चंद्रेश दुबे, प्रिंस पोरवाल, अनुज कुशवाह, शिवम पोरवाल, सुविधा राजपूत,मोनिका गुप्ता, कल्पना पोरवाल आदि ने खुशी जाहिर की है।

Global Times 7

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