जब राकेश की जगह, विजय को जिताने की अपील कर गए नेताजी !

संस्मरण- घाटमपुर की चुनावी जनसभा में किया था ऐलान क्षेत्र के कई लोगों को व्यक्तिगत रूप से जानते थे नेताजी
12 अक्टूबर
अवध दीक्षित
मुख्य न्यूज एडीटर gt-7 कानपुर परिक्षेत्र (कानपुर)। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मौत को लेकर लोग काफी दुखी हैं। जगह-जगह शोक मनाया जा रहा है। इस मौके पर घाटमपुर से जुड़ी उनकी यादें भी लोग संजोए हुए हैं। इसी कड़ी में एक वाकया काफी चर्चित है। जब चुनाव प्रचार के दौरान नेताजी ने पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे राकेश सचान की जगह उनके प्रतिद्वंदी विजय सचान को जिताने की अपील की थी।
घाटमपुर निवासी बुजुर्ग ओम नारायण सचान उर्फ मुनीम जी बताते हैं कि यह बात वर्ष 2002 के विधान सभा चुनाव की है। बताया कि उस समय समाजवादी पार्टी से राकेश सचान को घाटमपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था। जबकि, उनके प्रबल प्रतिद्वंदी विजय सचान सपा छोड़कर अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। बताया कि विजय सचान के नेताजी मुलायम सिंह से काफी नजदीकी संबंध थे। और वह उस समय सपा में ही थे।

लेकिन राकेश सचान की पकड़ शिवपाल सिंह से थी। जिनकी जिद के आगे नेताजी मुलायम सिंह को झुकना पड़ा था। और सपा से विजय की जगह राकेश सचान को प्रत्याशी बनाया गया था।
बता दें कि, नेताजी मुलायम सिंह यादव घाटमपुर क्षेत्र के कई लोगों से व्यक्तिगत रूप से परिचित थे। इतना ही नहीं किसी जनसभा या अन्य मौकों उन्हें व्यक्तिगत रूप से अपने पास बुलाते भी थे।

बताया कि कस्बे के जूनियर हाई स्कूल मैदान में नेताजी की चुनावी जनसभा थी। निर्धारित समय पर नेताजी मंच पर पहुंचे और उन्होंने अपने चुनावी भाषण के दौरान ही घाटमपुर सीट से सपा प्रत्याशी राकेश सचान को विजयी बनाने की अपील करने की जगह विजय सचान को भारी बहुमत से जिताने की बात कह दी। जिसे सुनकर वहां मौजूद लोग सन्नाटे में आ गए। लेकिन नेता जी ने तुरंत ही अपनी गलती सुधारी। और राकेश सचान को मंच पर खड़ा करके उनका हाथ ऊपर उठाकर के कहा कि भाई विजय नहीं राकेश सचान को जिताना है।
बीते मंगलवार को पैतृक निवास सैफई इटावा में नेताजी की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए जहां सीएम सहित देश और प्रदेश के दिग्गज नेता पहुंचे। वहीं, घाटमपुर क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में नेता जी के चाहने वाले सैफई के लिए रवाना हुए।
फोटो- नेताजी मुलायम सिंह एवं उनके चहेते रहे विजय और राकेश सचान।