उत्तर प्रदेशलखनऊ

जनपद मे बीमार गोवंशो की संख्या पहुंची आधा सैकड़ा

ग्लोबल टाइम्स-7
डिजिटल
न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला प़शासनिक संवाददाता
कानपुर देहात
7 अक्टूबर 2022

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉo डीo एन0 लावनिया ने बताया कि दिनांक 06-10-2022 को जनपद में एल०एस० डी० बीमारी से ग्रसित 53 नये पशु चिन्हित किये गये हैं। पूर्व से ग्रसित पशुओं में से 21 पशु स्वस्थ हो गये हैं। यह बीमारी एक संक्रामक रोग विषाणुजनित बीमारी है, अधिकाश यह बीमारी गोवंशीय पशुओं में पायी जाती है, रोग का संधारण / फैलाव / प्रसार पशुओं में मक्खी, चीथड़ी एवं मच्छरों के काटने से होता है। इस बीमारी से प्रभावित पशुओं को बुखार होना, पूरे शरीर में जगह-जगह नोड्यूल / गांठों का उभरा हुआ दिखाई देना है। बीमारी से ग्रसित पशुओं में मृत्यु दर वर्तमान में शून्य है। बीमारी की रोकथाम हेतु आवश्यक है कि बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना, पशुओं में बीमारी को फैलाने वाले घटकों की संख्या को रोकना अर्थात् पशुओं को मक्खी, चीचडी, मच्छरों के काटने से बढ़ना, पशुशाला की साफ-सफाई दैनिक रूप से करना तथा डिस्फेक्शन (जैसे- चूना आदि) को स्प्रे करना, मृत पशुओं के शव को गहरे अर्थात् न्यूनतम 5-6 फीट गहरे गड्ढे में दबाया जाना आवश्यक है। पशु पालको से अनुरोध है कि इस बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशु से अलग बाधे। जिला पंचायत राज अधिकारी, कानपुर देहात द्वारा जनपद की समस्त गौशालाओं तथा 618 ग्राम पंचायतों एवं 922 राजस्व ग्रामों में डिसइंफैक्टेड स्प्रे कराया गया है। उक्त बीमारी के सम्बन्ध में सूचना आदान-प्रदान करने तथा बीमारी की सूचना उपलब्ध कराने के लिये जनपद स्तर पर स्थित पशु चिकित्सालय अकबरपुर (सदर) कानपुर देहात में स्थापित कन्ट्रोल रूम नं० -9719394060, 7905719046 पर सूचित कर सकते है। जनपद के पशुपालकों के लिये स्वःरोजगार योजनान्तर्गत के०सी०सी० पशुपालन घटक का आरम्भ किया गया है, जिसके अन्तर्गत जनपद को 4612 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके अन्तर्गत कोई भी पशुपालक अपने पशुओं का के०सी०सी० पशुपालन घटक में किसी भी बैंक से बनवा सकता है। इस योजना में रू / – 160000 धनराशि का के०सी०सी० बिना गारंटी बनवाया जा सकता है। इसका आवेदन कोई भी लाभार्थी अपने निकटतम पशु चिकित्सालय / पशु सेवा केन्द्र से प्राप्त कर पूर्ण करवाकर पशु चिकित्साधिकारी / पशुधन प्रसार अधिकारी के माध्यम से भेज सकता है। जनपद के पशुपालकों के लिये विभाग द्वारा पशुधन बीमा योजना लागू की गयी है, जिसका लक्ष्य 1428 है, जिसमें कोई भी पशुपालक / कृषक अपने दुधारू पशु का बीमा करा सकता है। सामान्य एवं पिछड़ी जाति के लाभार्थियों के लिये बीमा प्रीमियम का 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिये 90 प्रतिशत धनराशि उ०प्र० सरकार के द्वारा वहन की जायेगी, शेष धनराशि लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन की जायेगी पशुधन बीमा कराने के लिये अपने निकटतम पशु चिकित्सालय पर सम्पर्क करे इस योजना में एक दुधारू मैस का बीमा अधिकतम रू0-50000 तथा एक दुधारू गाय का बीमा अधिकतम रू0 40000 का कराया जा सकता है। एल०एस०डी० बीमारी से प्रभावित ग्रामों को छोड़कर आज तक कुल 105800 पशुओं में मोट है। पाक्स वैक्सीन का टीकाकरण किया गया। वर्तमान में बीमारी पर नियंत्रण है सभी ग्रामवासी धैर्य बनाकर रखें, घबराने की आवश्यकता नहीं है।

Global Times 7

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