सीता विवाह का मचन देख आंखे छलक आयीं

ग्लोबल टाइम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क ओमप्रकाश वर्मा नगरा उत्तरप्रदेश
नगरा बलिया। सार्वजनिक रामलीला समिति के तत्वाधान में जनता इंटर कालेज के मैदान में आयोजित रामलीला में शनिवार की रात रावण बाणासुर संवाद, धनुष यज्ञ, परशुराम संवाद एवं राम विवाह की लीला का मंचन किया गया। लीला को देखने के लिए सैकड़ों दर्शकों की भीड़ देर रात तक जमी रही। लीला मंचन के अनुसार राजा जनक ने निश्चय किया कि सीता का विवाह स्वयंवर मे विजयी पराक्रमी से किया जाएगा, जो भगवान शिव के पिनाक नामक धनुष को तोडेगा। विश्वामित्र के साथ राम लक्ष्मण भी स्वयंवर में पहुंचे। अनेक देश के राजाओं ने आकर स्वयंवर में धनुष उठाने का प्रयास किया, लेकिन कोई धनुष को हिला तक नहीं सका. तब राजा जनक चिंतित हो गए और बोले कि तजहू आस निज निज गृह जाहू, लिखा नहीं वैदेही विवाहू। तभी क्रोधित लक्ष्मण संवाद किए कहि जनक जसि अनुचित बानी, विद्यमान रघुकुल मुनि जानी। तब गुरु विश्वामित्र राम की तरफ देखकर कहते हैं उठहुं राम भंजहु भवचापा, मेटहुं तात जनक परितापा। गुरु की आज्ञा पाकर भगवान राम ने धनुष को भंग कर दिया। धनुष टूटने के बाद सीता प्रभु श्रीराम के गले में वरमाला डालती हैं। इससे पूर्व कलाकारों ने रावण बाड़ासुर संवाद व परशुराम लक्ष्मण संवाद का मंचन किया। लीला का शुभारम्भ राज्य मंत्री दानिस आजाद अंसारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ राहुल सिंह, जगन्नाथ पात्रा व समाजसेवी मनमोहन सिंह ने किया। उदघोषक राजू रामा चौहान रहे. समिति द्वारा अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक राजेश गुप्ता दीपू ओके जायसवाल टीम के साथ डटे रहे.