उत्तर प्रदेशलखनऊ

ध्रुव और प्रह्लाद की तरह भक्ति ईश्वर से मिलवाती है-आचार्य

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, कस्बा फफूँद ब्यूरो ओमकैलाश राजपूत।

फफूँद,औरैया। विकास खण्ड भाग्यनगर क्षेत्र के गांव पीपरपुर में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र, भक्त प्रह्लाद चरित्र और नरसिंह अवतार प्रसंग पर कथा सुनाई। कथा वाचक प्रयाग पीठाधीश्वर प.धराचार्य जी ने कहा कि मनुष्य को दिखावा न करते हुए भगवान को सच्चे हृदय से याद करना चाहिए।
उन्हाेंने कहा कि राजा उत्तानुपाद के दो पत्नियों में एक का नाम सुनीति और दूसरी का नाम सुरुचि था। सुरुचि के कहने पर उत्तानुपाद ने सुनीति को जंगल भेज दिया था। एक दिन सुनीति का पुत्र खेलते-खेलते राज दरबार जा पहुंचा और उत्तानुपाद की गोदी में बैठ गया। सुरुचि ने उसे फटकारते हुए गोद से उतार कर भगा दिया। इससे दुखी बालक ध्रुव जगंल में तपस्या करने लगा।भीषण बारिश और आंधी, तूफान भी उसे डिगा नहीं सके। नारद मुनि के समझाने पर भी ध्रुव ने तपस्या नहीं छोड़ी। कठिन तपस्या देख भगवान ध्रुव के सामने प्रकट हुए और उन्हें ब्रह्मांड में अटल पदवी दी। आज भी ध्रुव तारा अपने स्थान पर अटल रहते हुए चमक बिखेरता है। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे, अंत में आरती कर प्रसाद वितरण किया गया|
कथावाचक ने कहा कि भागवत कथा सही मार्ग दिखाता है, भक्ति करनी है तो ध्रुव और भक्त प्रहलाद जैसी करो। भगवान ने प्रहलाद के लिए अवतार लेकर हिरण्कश्यप का वध किया था। यदि भक्ति सच्ची हो तो ईश्वरीय शक्ति अवश्य सहायता करती है। उन्होंने कहा कि सभी अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें, जिससे वह बुढ़ापे में अपने माता पिता की सेवा कर सकें, गो सेवा, साधु की सेवा कर सकें। इस मौके पर परीक्षित रामा एवं बलराम दीक्षित के अलावा सन्दीप दीक्षित,प्रदीप दीक्षित,सोनु पांडेय, विवेक दीक्षित, अनिल दीक्षित, ध्रुव, अनुपम तिवारी आदि का सगयोग रहा।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button