गेल के ठेकेदारों की कार्यशैली से भू- विस्थापितों में आक्रोश

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला ब्यूरोचीफ डॉ अजय राजावत औरैया।
फफूँद,औरैया। गेल प्लांट पाता में काम कर रहे भू विस्थापितों में ठेकेदारों की कार्यशैली को लेकर आक्रोश भड़क रहा है।भू विस्थापितों ने ठेकेदारों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक बैठक की और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की मांग की है।
क्षेत्र के पाता पेट्रोकेमिकल प्लांट में ठेकेदारो के अधीन काम कर रहे पाता, सहनगरा, खानपुर, बनके पुरवा, कनहो आदि गांव के भू-विस्थापितों ने रविवार को पाता गांव के हनुमान मंदिर परिसर में आपात बैठक बुलाई।भू- विस्थापित ठेकेदारों की मनमानी से आक्रोशित थे।शिव शंकर सिंह भदौरिया, राघवेंद्र, अमर सिंह, राजेन्द्र,गंगा प्रसाद, अमर सिंह, सत्येंद्र सिंह, तेजपाल समेत सौ से अधिक भू- विस्थापितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि प्लांट की स्थापना के वक्त किसानों की जमीन लेते हुए गेल प्रशाशन ने हर परिवार से योग्यता के आधार पर नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ चंद लोगों को ही नौकरी दी गयी।बाकी लोगों को गेल ने ठेकेदारों के अधीन लगा दिया।दबंग ठेकेदार भू विस्थापितों का जमकर उत्पीड़न कर रहे हैं। समय पर वेतन भी नही मिलता, वहीं अगर गेल से शिकायत की जाए तो गेल अधिकारी कोई सुनवाई नही करते उल्टा ठेकेदार गाली-गलौज करके नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं। घास कटिंग में लगे कुछ भू- विस्थापितों की मृत्यु होने के बाद उसकी जगह पर उनके किसी परिजन को नही लगाया जा रहा है।भू विस्थापितों ने न्याय मांगा है। ललिता दिवाकर ने भू विस्थापितों के सहयोग का दिया भरोसा दिया है। गेल प्रशाशन और ठेकेदारों के उत्पीड़न से आक्रोशित भू- विस्थापितों की बैठक के भाजपा जिला उपाध्यक्ष ललिता दिवाकर भी पहुंची। उन्होंने भू-विस्थापितों को आस्वाशन देते हुए कहा कि वह उनके साथ हैं। गेल के ठेकेदारों की मनमानी बर्दाश्त नही की जाएगी वो भू-विस्थापितों को साथ लेकर दिल्ली और लखनऊ जाकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देकर जांच की मांग करेंगी।