उत्तर प्रदेशलखनऊ

रद्दी की टोकरी में शासनादेश, बिल्हौर में वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा !

आखिर अनदेखी क्यों ?

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Lucknow uttar prdesh

बिल्हौर: अपर प्रमुख सचिव के० रवीन्द्र नायक ने 3 नवम्बर 2021 को समस्त जिला मजिस्ट्रेट को पत्र भेजकर वक्फ संपत्तियों पर हुए अवैध कब्जे, अतिक्रमण हटाने तथा अधिनियम की व्यवस्था के अनूरूप कार्यवाही किए जाने के आदेश दिए थे। परन्तु तहसील क्षेत्र में शासकीय आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्षेत्र में वक्फ संपत्तियों पर हुए अवैध कब्जे, अतिक्रमण शासनादेश को मुंह चिढ़ाते प्रतीत हो रहे हैं। या फिर कहा जाए जिम्मेदारों की मौन स्वीकृति से भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग व यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड की निष्क्रियता, कर्तव्य पालन में शिथिलता के कारण जिला कानपुर नगर की कस्बा व तहसील बिल्हौर की वक्फ जायदाद वक्फ नं 2147 अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है। देखरेख के अभाव में कथित मुतवल्ली के द्वारा सुनियोजित तरीके से वक्फ सम्पत्ति को संकुचित कर अवैध कब्जा कर खुर्द बुर्द किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय औकाफ सर्वेक्षण में खोजी गई वक्फ संपत्ति वक्फ नं 2147 जिसका राज्य सरकार द्वारा अधिकरण गजट 1982 प्रकाशित है साथ ही यूपी मुस्लिम वक्फ एक्ट नं 16 सन् 1960 के अन्तर्गत पंजीकृत है। विभागीय वक्फ संपत्ति रजिस्टर हस्ब दफा 30 में दर्ज वक्फ संपत्ति 2147 की पैमाईश पूरब में स्कूल पश्चिम में रास्ता उत्तर में बंजर व दक्षिण में सड़क वक्फ अलल ख़ैर है, साथ ही बहुक्म AWC 1982 दर्ज है पर हुए अवैध कब्जे की शिकायतों के बाद भी अब तक सीमांकन अथवा सर्वे कार्य नहीं कराया गया। वहीं यदि वक्फ संपत्ति की वर्तमान स्थिति की बात की जाए तो पूरब में कथित मुतवल्ली का बाउंड्री वॉल कर किया गया अवैध कब्जा बादहू स्कूल और यही स्थिति पश्चिम व दक्षिण दिशा भी है। जबकि प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 3 नवम्बर 2021 समस्त जिला मजिस्ट्रेट जो कि अपर सर्वे आयुक्त वक्फ भी होते हैं को सम्बोधित पत्र शासनादेश संख्या

07/2021/2055/52-2-2021 व इसके पूर्व अपर सर्वे आयुक्त वक्फ उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 6 जनवरी 2021 को सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सम्बोधित पत्र संख्या 1311/व०आ०-14(301)/2017 में वक्फ संपत्तियों पर हुए अवैध कब्जो अतिक्रमण पर कार्यवाही के लिए कहा गया था। परन्तु अनगिनत शिकायतों एवं उच्च अधिकारियों के निर्देश के बावजूद कस्बे की वक्फ संपत्ति संख्या 2147 पर हुए अवैध कब्जे के मामले में कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि जांच अधिकारियों के लिए वक्फ सम्पत्ति अवैध कब्जा प्रकरण बैरल चेक के समान है या फिर कहा जाए कि सुविधा शुल्क के चलते जांच अधिकारी अवैध कब्जेदारों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं और सब कुछ जानते बूझते हुए भी अनदेखा कर रहे हैं।

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