बाढ़ ने किसानों के माथे पर खींची चिंता की लकीरें

Breaking
*बाढ़ के पानी में डूबकर नष्ट हुई फसलों की चिंता में डूबे किसान*
*अजीतमल,औरैया।* यमुना और चंबल नदियों में आई भीषण बाढ़ ने क्षेत्र के किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिले की अजीतमल व औरैया तहसील क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांवों में सैकड़ों हेक्टेयर फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। बाढ़ से सर्वाधिक नुकसान बाजरे की फसल को हुआ है। जिससे क्षेत्रीय किसानों की सालभर की कमाई बर्बाद हो गई है, जिससे किसान अब आर्थिक संकट में भी हैं।
अजीतमल तहसील क्षेत्र के गांव सिकरोडी निवासी किसान शिव शंकर ने बताया कि मेरी कुछ खेती औरैया और कुछ खेती इटावा जनपद में है, उन्होंने अपनी और किराए की मिलाकर 13 बीघा ज़मीन में बाजरे की फसल बोई थी लेकिन नदी का पानी खेतों में घुस गया और पूरी फसल डूबकर सड़ गई। जिसमें मैने जुताई से लेकर खाद, बीज, कीटनाशक आदि में खर्च हुए हजारों रुपए बर्बाद हो गयें,ऐसे ही क्षेत्र के दो दर्जन गावों के सैकड़ों किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रभावित किसान प्रशासन से राहत और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक नुकसान का मुआबजा नहीं मिलेगा, तब तक अगली फसल की बुवाई कर पाना संभव नहीं होगा। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल क्षेत्र का सर्वे कराया जाए और बाढ़ से प्रभावित किसानों को उचित आर्थिक सहायता दी जाए। बाढ़ से न केवल फसलें नष्ट हुई हैं, बल्कि खेतों में बालू और कीचड़ भर जाने से भविष्य की खेती भी संकट में आ गई है।
*इनसेट:*
*20 गांवों की 270 हेक्टेयर फसल नष्ट*
*जीटी 7 डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क टीम औरैया, कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा। 05 अगस्त 2025* *अजीतमल।* यमुना का जलस्तर बढ़ने पर जहां नदी के किनारे बसे गांवों पर संकट आ गया था। वहीं गांवों के लोगों की फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गई है।तहसील क्षेत्र में यमुना के किनारे बसे गांव बड़ैरा, सिकरोड़ी, जाजपुर, गौहानी कलां, जुहीखा, असेवटा, गूंज, ततारपुर कलां, बरदौली, बीसलपुर आदि करीब 20 गांवों के लोगों की करीब 270 हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है। एसडीएम अजीतमल निखिल राजपूत ने बताया कि क्षेत्रीय लेखपाल एवं कानूनगो को फसलों के नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही किसानों को मुआवजा देने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।