आखिर जिले के प्राचीन दत्ताञेय मंदिर की दुर्दशा का जिम्मेदार कौन!

औरैया
*सूखमपुर पंचायत ने रास्ता पक्का किया पुलिया भी बनवाई लेकिन मंदिर कमेटी रही उदासीन लोगो को शासन से आस जगी*
*ग्लोबल टाईम्स 7 न्यूज नेटवर्क टीम कंचौसी औरैया उप्र. विशेष संवाददाता सुरेश यादव*
कंचौसी दिबियापुर कैनाल मार्ग के किनारे सूखमपुर गांव स्थित निर्जन स्थान पर कई सौ साल पुराने तिरमुख दत्ताञेय मंदिर जो जिले का एक मात्र दूधिया पत्थर का ब्रह्मा बिष्णु महेश के साथ गाय माता की मूर्त का मंदिर है।जहां एक दर्जन छोटे बडी प्रतिमाओ के देवी देवता स्थापित है, जिस मंदिर का पूर्व मे भक्तो मे बडी आस्था थी वह अब समाप्त सी हो गई दिखाई देती है।
मंदिर मे बडी जमीन का रकवा पेड पौधे परिषर इसको दर्शाता है कि यह कोई बडा धार्मिक स्थान था। लेकिन सही देखरेख न होने से बिलुप्त सा हो गया है।
स्थानीय लोगो का कहना है कि मंदिर के स्वर्गीय महन्त धूनीगिर महाराज नागा जूना अखाडा से जुडे संत थे। जिनके निधन के बाद उनके शिष्य बाबा रामचंद्र दास संत होरी लाल दास बाबा राम दास बाबा ध्यान गिरी बाबा मुलायम दास बाबा जगदीश दास चुन्नी लाल जयवीर दास सोमदत्ता, अशोक मुनी आदि मंदिर पर पूजा पाठ के साथ साथ भजन कीर्तन भी करते रहे है। जिनमे भजन गायक राम बाबू महेन्द्र तिवारी आदि दर्जनो संत महात्माओ की टोली रही है। जिसमे अब थोडे संत और भक्त जीवित है।
जानकारो के अनुसार मंदिर का संचालन लम्बे समय से स्वर्गीय इलाके के जमींदार व स्वतन्त्रता सैनानी तेज सिह नम्बरदार जो नजदीक गांव अमौआहार के निवासी थे। जो मंदिर का संचालन अपनी गठित कमेटी के माध्यम से चलाते थे। जिसमे कंचौसी दिबियापुर के व्यापारी भी शामिल थे। जो सभी दिव्यांगत हो चुके है। जिन्होने अपने समय मे मंदिर पर दूध भोजन एवम पूजन सामग्री का कभी अभाव नही होने दिया । जो शासन सत्ता से जुडे कई वरिष्ठ अधिकारियो को मंदिर से जोडे हुये थे।
लेकिन कमेटी अध्यक्ष तेज सिह और कोषाध्यक्ष रामदास वर्मा के निधन के बाद अध्यक्ष के छोटे पुत्र राजेश सिह के हाथ मंदिर की बागडोर आने से इस स्थान पर कोई संत स्थाई रूप से नही रह सका न मंदिर का कोई विकास हुआ न यज्ञ भागवत न अच्छे लोगो का आनाजाना यहां केवल आसपास के किसान ही दिखाई देते है पूरी जमीन का उत्पादन साझेदार व राजेश की देख रेख मे रहा यदि किसी संत ने कुछ मांगा तो उसको हटाया ही गया । मंदिर पर अक्सर चोरी की घटनाये होती रहती है। जहां संतो को पीटा भी गया। थाना पुलिस तक मामला पहुंचा लेकिन हुआ कुछ नही। इस कारण कोई संत रात मे मन्दिर मे नही रुकता है ।
अब हरतौली कसाहा अमौ आहार सूखमपुर नौगवा कंचौसी घसा का पुरवा मुडरिया बिजई पुरवा आदि की जनता पिछ्ले दिनो लोगो की शिकायत पर जिलाधिकारी डा. इंद्रमणि त्रिपाठी व दूसरे दिन तहसीलदार सदर रणवीर सिंह एवम लेखपाल द्वारा मौके पर पहुंच मूर्ति के परिषर को देखा भूमि आदि की जानकारी की उससे लोगो मे मंदिर के जीर्णोद्धार की आस जगी है। जिससे आसपास के लोग प्रशन्न व खुश है जब कि मंदिर की जमीन की फसल रखने वाले राजेश दिखाई भी नही दे रहे है नजदीकी लोगो का कहना है कि वह अस्वस्थ होने के कारण लखनऊ मे इलाज करा रहे है ।