उत्तर प्रदेश

डॉ अनुजा सेंगर द्वारा लिखित इंद्रधनुष पुस्तक का हुआ विमोचन

उत्तर प्रदेश

 

*बच्चों में भाषायी कौशल व सर्जनात्मकता के विकास को बढ़ावा देने को लिखी गयी पुस्तक*

 

बेसिक शिक्षा विभाग के निपुण भारत अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है पुस्तक

 

*फोटो-पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मौजूद प्राचार्य व अन्य*

*जीटी-7, रामजी पोरवाल संवाददाता तहसील ब्यूरो औरैया। 14 सितंबर 2024*

*#औरैया।* तिलक डिग्री कॉलेज, औरैया में एक विशेष समारोह के दौरान कम्पोजिट विद्यालय भीखापुर की शिक्षिका डॉ. अनुजा सेंगर द्वारा लिखित पुस्तक इंद्रधनुष का महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रवि कुमार तथा बेसिक शिक्षा विभाग के एसआरजी सुभाष रंजन द्विवेदी तथा महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापकों द्वारा विमोचन किया गया। यह पुस्तक परिषदीय विद्यालयों के बच्चों तथा नौनिहालों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है, जिसमें नौनिहालों के लिए प्रेरणादायक और मनोरंजक कविताओं का संग्रह है। इस पुस्तक का उद्देश्य बच्चों में भाषा और साहित्य के प्रति रुचि जागृत करना और उनकी सृजनात्मकता को बढ़ावा देना है।

      इस मौके पर एसआरजी सुभाष रंजन दुबे ने कहा कि डॉ. अनुजा सेंगर ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है, और उनकी यह पुस्तक इंद्रधनुष शिक्षा विभाग के निपुण भारत अभियान के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। निपुण भारत अभियान का लक्ष्य बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के कौशलों का विकास करना है, और इस दिशा में यह पुस्तक बच्चों को सरल और रुचिकर तरीके से सीखने में मदद करेगी। इंद्रधनुष में शामिल कविताएँ न केवल बच्चों का मनोरंजन करती हैं, बल्कि उन्हें नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों से भी जोड़ती हैं। रंग-बिरंगे इंद्रधनुष की तरह यह पुस्तक बच्चों के ज्ञान और रचनात्मकता को भी कई रंगों से समृद्ध करती है। इसमें शामिल कविताएँ बच्चों की कल्पनाशीलता को पंख देने के साथ-साथ उन्हें भाषा की मूल अवधारणाओं से परिचित कराती हैं।

        विमोचन समारोह में तिलक डिग्री कॉलेज के प्राध्यापक, शिक्षा विभाग के अधिकारी, और स्थानीय शिक्षाविद् उपस्थित थे। सभी ने पुस्तक की सराहना की और इसे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत उपयोगी बताया। इस अवसर पर प्राचार्य रवि कुमार ने कहा कि ऐसी पुस्तकों से न केवल बच्चों के पढ़ने-लिखने के कौशल में सुधार होगा, बल्कि उनमें नैतिक शिक्षा और आत्मविश्वास का भी विकास होगा।डॉ. सेंगर ने अपने वक्तव्य में बताया कि इंद्रधनुष पुस्तक बच्चों के मानसिक और बौद्धिक विकास को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पुस्तक निपुण भारत अभियान की सफलता में एक छोटा सा योगदान है और वे आगे भी बच्चों के लिए ऐसे सृजनात्मक कार्य करती रहेंगी। इस पुस्तक के विमोचन के साथ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की शुरुआत हुई है, जो बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के साथ-साथ निपुण भारत अभियान को गति प्रदान करेगी। इस मौके पर तिलक महाविद्यालय से एम.ए हिंदी 2006 में स्वर्ण पदक विजेता रहीं डॉo अनुजा सेंगर को तिलक महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।

Global Times 7

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