भगवान श्रीराम जी के राज्याभिषेक होते ही अयोध्या में जश्न का माहौल

गुरु वसिष्ठ द्वारा राज तिलक करते ही उपस्थित भक्त समुदाय खुशी से झूम उठा
ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
11 जनवरी 2024
# शिवली
कानपुर देहात, तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत लाखों भक्तों के आस्था का आध्यात्मिक केंद्र शोभन के गौरीकुंड धाम पर चल रहे गुरु महोत्सव कार्यक्रम के अंतिम दिवस की रामलीला में श्री रामजी राजतिलक की लीला का सजीव मंचन हुआ जहां भक्तों का जन सैलाब उमड़ा वही भक्तों ने गौरी मां का आशीर्वाद ले भंडारे की प्रसादी चखी | बताते चलें कि शोभन गौरीकुंड धाम पर अंतिम दिवस की रामलीला में राम राज्याभिषेक की लीला का मंचन किया गया ,लीला में दिखाया गया कि जब एक दिन अवधि का शेष बचा तो भरत को व्याकुलता हुई कि उनके राम अभी तक क्यों नहीं आए और विचार करने लगे कि कारन कवननाथ नहीं आयउ ,जानि कुटिल किधौ मोहि विसराउ इधर जगत के पालनहार जगदाधार श्री राम भरत के हृदय के मन की बात को जान गए तो हनुमान जी को अयोध्या भेजा , हनुमान जब भरत जी के सम्मुख पहुंचे तो देखा कि बैठे देखि कुशासन जटा मुकुट कृस गात, राम राम रघुपति जपत श्रवत नयन जल जात , ऐसी राम के प्रति प्रीति देख हनुमान के भी नयन सजल हो गए और प्रभु राम द्वारा भेजा गया संदेश भरत को कह सुनाया जिस पर भरत जी ने कहा कि को तुम तात कहां से आए , मोहि परम प्रिय वचन सुनाए तो हनुमान बोले मारुत सुत मै कपि हनुमाना, नाम मोरि सुनि कृपा निधाना इतना सुन भरत पुलकित हो हनुमान जी को गले से लगा लिया सम्पूर्ण संदेश बताकर हनुमान जी प्रभु श्री रामजी के पास लौट गए , उधर पुष्पक विमान में बैठे विभीषण, अंगद ,जामवंत,नल नील आदि लोगों को प्रभु श्री राम अपने अयोध्या के दर्शन कर जन्मभूमि की बात करने लगे और बोले कि जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि,उत्तर दिशि बह सरजू पावनि *यदपि सब बैकुंठ बखाना ,वेद पुरान विदित जग जाना * । विमान में आरुढसभी लोगों ने प्रभु श्री राम के मुख से जब ऐसा सुना तो श्री अयोध्या धाम की पावन भूमि को नमन करने लगे और इसी वार्ता के साथ पुष्पक विमान अयोध्या की पावन भूमि पर उतरा तो सारे अयोध्या वासियों ने प्रभु श्री राम को चारों ओर से घेर लिया और राम की जय जयकार करने लगे ।इधर अपने पुत्रों को देख माताएं सुखी मयूर हो रही हैं सुत विलोक हरसी महतारी ,बार-बार आरती उतारी माता जानकी समेत प्रभु श्री राम और लक्ष्मण भवन के अंदर गए ।सभी वैदिक रीति रिवाज के तहत शुभ मुहूर्त में गुरु वशिष्ठ ने श्री राम का राजतिलक किया प्रथम तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हां, मुनि विप्रन सब आयशु दीन्हा *राज्याभिषेक होते ही सारी अयोध्या हर्ष में डूब गई और सारा वातावरण राम मम हो गया ,ऐसा मनोहारी मंचन देख दर्शक गण गदगद हो उठे, और सप्त दिवसीय गुरु महोत्सव का इसी के साथ समापन हो गया |