उत्तर प्रदेश

तृतीय दिवस के धार्मिक अनुष्ठान में सीता स्वयंवर लीला का हुआ मनोहारी मंचन

ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
07 जनवरी 2024
‌ शिवली कानपुर देहात, तहसील क्षेत्र के प्रसिद्ध एवं धार्मिक स्थल शोभन गौरीकुंड धाम पर गुरु महोत्सव कार्यक्रम के तृतीय दिवस पर सीता स्वयंवर लीला का सजीव मंचन किया गया मंचन देख वहाँ उपस्थित जन समुदाय पुलकित हो उठे | क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गौरीकुंड धाम पर चल रही तृतीय दिवस की रामलीला में सीता स्वयंवर की लीला का सुविख्यात कलाकारों द्वारा सजीव मंचन किया गया जिसमें पुष्प वाटिका लीला के आगे लीला का शुभारंभ जनक उपवन के लीला से प्रारंभ किया गया जिसमें लखन ह्रदय लालसा विसेखी लक्ष्मण की लालसा को मन ही मन श्री राम जी समझ गए कि भ्राता लखन जनक पुरी को देखना चाहते हैं किन्तु संकोच बस कह नहीं सकते हैं, भ्राता की इच्छा पूर्ण करने हेतु गुरु विश्वामित्र जी से राम जी ने आज्ञा लेकर जनकपुरी का भ्रमण शुरू किया , उधर सीता जी आदिशक्ति गौरी माता की पूजन के लिए सखियों के सहित निकली मन ही मन सीता ने राम जी को अपना पति मान लिया और आदिशक्ति माता से प्रार्थना की वर के रूप में मुझे राम जी ही मिले |गौरी माता का आशीर्वाद ले जानकी सखियों समेत वापस महल लौट आईं,
आगे की लीला में स्वयंबर में आये सभी राजा हार मान गए परंतु शिव का धनुष कोई हिला तक नही पाया। दीप दीप के भूपति नाना जनक जी यह देखकर दुखी होकर विलाप करने लगे कि धरती वीरों से क्या खाली हो गई है ,लक्ष्मण जी ने राम जी और गुरुदेव को प्रणाम करके जनक से कहा की जहा पर रघुवंशी हो वहां ये शब्द शोभायमान नहीं होते हैं, इसके उपरांत गुरु विश्वामित्र जी ने राम जी को आज्ञा दी की जनक का संताप मिटाओ और धनुष का चाप चढ़ाओ,आज्ञा पाकर श्री राम जी ने धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई और धनुष दो भागो में हो गया और सीता का विवाह राम जी से संपन्न हुआ। सफल स्वयंवर से नभ मंडल से देवताओं ने पुष्प वर्षा कर श्री राम की जय जय कार की, मंचन देख श्रोतागण आनंदित हो उठे इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

Global Times 7

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