उत्तर प्रदेशलखनऊ

सच्चा मित्र वही होता है जो संकट के समय में मित्र का हर परिस्थिति में साथ दे साध्वी निरंजन ज्योति

आज होगा सामूहिक विवाह समारोह 51 जोड़ थामेगे एक दूसरे का हाथ

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात .

मूसानगर

अच्युत ब्रम्हधाम अखण्ड परमधाम नन्दनी गौशाला मूसानगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा एवं शतचंडी महायज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास केंद्रीय राज्य मंत्री महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योतिने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर कथा का वर्णन किया.
उन्होंने कहा सुदामा जी जितेंद्रिय एवं भगवान कृष्ण के परम मित्र थे..वह भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे…गरीबी के बावजूद भी वह हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते थे उनकी पत्नी सुशीला सुदामा से बार बार आग्रह करती थी कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं उनसे जाकर मिलो शायद वह हमारी मदद कर दें…सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है। तो भगवान श्री कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौङकर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते हैं । उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। उन्हें सिंहासन पर बैठा करके भगवान श्री कृष्ण जी सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं। कुछ दिन बिताने के बाद सुदामा जी विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं लेकिन सुदामा जी अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं. साध्वी निरंजन ज्योति ने आगे कहा कि सच्चा मित्र वही होता है जो संकट के समय मित्र का साथ दे इसका उदाहरण है श्री कृष्ण और सुदामा.अगले प्रसंग में शुकदेव ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते है। इसी के साथ कथा का विराम हो गया. इस मौके पर प्रमुख संतों में स्वामी वेदानन्द गिरि , साध्वी परम शांति साध्वी निर्मल ज्योति , साध्वी साक्षी, स्वामी कूटस्था नन्द , स्वामी उमेशानन्द महाराज, निर्भया नंद,भक्तानन्द,सहित अनेक साधू संत व स्रोता मौजूद रहे।
आज होंगा सामूहिक विवाह समारोह 51जोडे थामेंगे एक दूजे का हांथ
ब्रम्हलीन स्वामी अच्युतानंद शास्त्री जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में श्रीमद्भागवत कथा एवं शतचंडी महायज्ञ के साथ अंतिम दिन गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।लगातार कई वर्षों से सामूहिक विवाह सम्मेलन होता चला आ रहा है। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि इस वर्ष 51 गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह किया जा रहा है। जिसमें कई जिलों की कन्याएं सामिल है।यह आयोजन नन्दनी गौशाला सेवा समिति की ओर से किया गया है। जिसमें घरेलू जरुरत के सामान कन्या दान के रूप दान देकर कन्याओं को आश्रम से प्रेम पूर्वक विदाई दी जाती है। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

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