उत्तर प्रदेशलखनऊ

आज पूरे दिन होगी धनतेरस की खरीदारी

जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
09 नवंबर 2023

#औरैया।

श्री समृद्धि कामना का पर्व धनतेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दिन में 11:47 बजे लग रही है जो 11 नवंबर को दोपहर 1:14 बजे तक रहेगी। यमराज को दीपदान के लिए सायंकाल व्याप्त त्रयोदशी की प्रधानता है। अतः 10 नवंबर को सायंकाल त्रयोदशी प्राप्त होने से इसी दिन धनतेरस मनाया जाएगा। तिथि विशेष पर आरोग्य के देवता भगवान धनवन्तरि के साथ ही शुभ-लाभ व श्री समृद्धि कामना से लक्ष्मी-गणेश का पूजन किया जाता है। ज्योतिर्विदों के अनुसार त्रयोदशी तिथि भले दोपहर में लग रही लेकिन खरीदारी पूरे दिन-रात की जा सकती है। आचार्य केशवम अवस्थी के अनुसार प्रदोष काल सूर्यास्त से रात्रि पर्यंत धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त हैं।

इनसैट-
10 को शुभ-लाभ और श्री समृद्धि कामना से होगा लक्ष्मी-गणेश पूजन

औरैया। पूजन-अनुष्ठान के लिए प्रदोषकाल में सूर्यास्त से लेकर रात्रिपर्यंत शुभ मुहूर्त प्रातः 7:05 से 9:22, 1:15 से 2:46 व शाम 5:51 से 7:47 विशेष क्रय मुहूर्त मूर्ति और स्थिर लक्ष्मी क्रय (संग्रह) की परंपरा है। दीपावली पर पूजन के लिए चांदी के बर्तन, स्वर्ण अलंकार या अन्य बर्तनादि का संग्रह भी इसी दिन किया जाता है। परंपरा अनुसार इसमें प्रातः 7:05 से 9:22 तक वृश्चिक, 1:15 से 2:46 तक कुंभ, 5:51 से 7:47 तक वृष आदि लग्न उत्तम है। वैसे संपूर्ण दिन-रात्रि क्रय कर सकते है। धनवन्तरि जयंती मान्यता है कि देव-असुरों द्वारा किए गए समुद्र मंथन में निकले 14 प्रमुख रत्नों में धनवन्तरि और लक्ष्मी प्रमुख रहीं। ऐसे में पांच दिवसीय दीपज्योति पर्व का प्रथम दिन धनतेरस श्री समृद्धि व आरोग्य कामना को समर्पित है। त्रयोदशी तिथि में आयुर्वेद के जनक धनवन्तरि की जयंती मनाई जाती है। अचार्य के अनुसार शास्त्रों में असली धन स्वास्थ्य को कहा गया है। अतः आरोग्य की प्राप्ति के लिए तिथि विशेष पर भगवान धन्वन्तरि का पूजन करना प्रथम दीपदान स्कंद पुराण के अनुसार त्रयोदशी तिथि में अपमृत्युनाश के लिए सायंकाल घर से बाहर यमराज के लिए चतुर्वर्ती दीप (चार बत्तियों वाला) जलाने) का विधान है।

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