रासलीला और महाभारत के बीच फंसा नौनिहालों का भविष्य

स्कूल बना अखाड़ा, शिक्षकों का संदिग्ध आचरण डाल रहा बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव
ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
05 अक्टूबर 2023
# शिवली
कानपुर देहात, जहाँ एक ओर शासन द्वारा शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए अथक प्रयास किया जा रहा है और प्रत्येक बच्चे को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए कृत संकल्पित है, वहीं दूसरी ओर इसके विपरीत एक शिक्षा के मंदिर में लगभग प्रतिदिन होने वाली रासलीला और महाभारत के बीच फंसकर शिक्षा ग्रहण करने आये नौनिहालों का भविष्य बर्बाद हो रहा है, जिसकी शिकायत स्थानीय नागरिकों एवं स्वयं स्कूल में पढ़ने आए बच्चों ने की है | उपरोक्त प्रकरण प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय जुगराजपुर शिवली, ब्लाक मैंथा , कानपुर देहात से सम्बन्धित है | इस विद्यालय में पंजीकृत बच्चों की संख्या के संदर्भ में जानकारी करने पर लगभग 120 छात्रों के होने की बात कही गई किन्तु मौके पर छात्रों की संख्या काफी कम थी |यहाँ पर चल रहे विवाद के विषय में ग्राम प्रधान ने बताया कि हमने इस विवाद को समाप्त कराने के लिए कयी बार प्रयास किया किन्तु कोई भी मानने को तैयार नहीं है और अनवरत कई महीनों से यह महाभारत मचा हुआ है जिससे यहाँ की शिक्षा व्यवस्था पूर्णतः चौपट सी हो गई है और बच्चों का भविष्य इन लोगों की लड़ाई के कारण बर्बाद हो रहा है, इस प्रकरण की उच्च स्तर पर शिकायत करने के परिपेक्ष्य में बताया कि कयी बार बेसिक शिक्षा अधिकारी से फोन द्वारा सम्पर्क करने का प्रयास किया किन्तु उनके द्वारा हमारा फोन रिसीव नहीं किया गया | इस समस्या का समाधान कैसे हो इस उनके साथ साथ स्थानीय नागरिकों ने भी उनके सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि यह तो यहाँ स्कूल में ताला डाल दिया जाए या फिर पूरे स्टाफ का यहाँ से स्थनान्तरण कर दिया जाए |
सबसे अधिक शिकायतें यहाँ कार्यरत शिक्षक अशोक कुमार और कामिनी सिंह के खिलाफ स्थानीय नागरिकों और शिक्षारत बच्चों द्वारा की गई | बच्चों के कुछ अभिवावकों द्वारा बताया गया कि यहाँ होने वाली रासलीला का प्रभाव बच्चों पर गलत पड़ रहा है जो कि अपने घरों में परिजनों से बतातें हैं | शिक्षा के मंदिर में जहाँ संस्कारों का निर्माण किया जाता है वहाँ जब ऐसी हरकतें की जाएंगी तो बच्चों के संस्कार और भविष्य किस ओर जाएंगे? यह बहुत ही गम्भीर चिंतनीय विषय है | वही बच्चों ने स्वयं बताया कि यह लोग सुबह 9.30 बजे आते हैं और उपस्थिति रजिस्टर पर 8.30 बजे का समय डालते हैं तथा प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई लंच के बाद शुरू होती है | जानकारी के अनुसार यहाँ की व्यवस्था पूरी तरह से अनियंत्रित सी है जिस पर उच्च अधिकारियों को गम्भीरता से विचार करते हुए बच्चों के भविष्य के हित के लिए ऐसी शर्मनाक हरकतों पर रोक लगाने हेतु दोषियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की स्थानीय नागरिकों को शासन से अपेक्षा है |