उत्तर प्रदेशलखनऊ

संसाधनों के अभाव में समस्याओं से जूझ रहा दमकल विभाग

घटना स्थल तक फायर टैंकर पहुंचने में आड़े आती हैं रास्ते की परिस्थितियां-अग्निशमन अधिकारी*

जीटी-70017 राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
13 अप्रैल 2023

#औरैया।

जिले में दमकल विभाग स्टाफ एवं संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। दमकल गाड़ियों में पानी भरने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। दमकल गाड़ियों में पानी भरने की जिम्मेदारी नगर पालिका की बनती है, लेकिन नगर पालिका पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं करा पाती है, केवल एक ही नलकूप से पानी मिलता है। ऐसी स्थिति में पानी के लिए इधर-उधर व्यवस्था करनी पड़ती है। 90 से 95 प्रतिशत आग विद्युत शार्ट सर्किट के कारण लगती है। दमकल गाड़ियां आग लगने वाले स्थान के लिए समय से रवाना की जाती हैं, लेकिन रास्ते में जाम आदि की समस्या होने पर दमकल गाड़ी कुछ विलंब से पहुंचती है। इसके लिए दमकल विभाग किसी प्रकार का दोषी नहीं है। दमकल विभाग को आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल गाड़ी भेजने के लिए शीघ्रता की जाती है, लेकिन रास्ते की परिस्थितियां समय से पहुंचने में आडे आ जाती हैं। विभाग में कर्मचारियों का भी अभाव है। इसके लिए स्टाफ की नियुक्ति करने के लिए शासन से मांग की गई है।
जिले में औरैया, अजीतमल एवं बिधूना में फायर स्टेशन संचालित हो रहे हैं। औरैया में दो बड़े एवं दो छोटे कुल मिलाकर चार टैंकर हैं। जिनकी क्षमता 4500 लीटर एवं 2500 लीटर की है। इसके अलावा जलभराव होने पर पानी निकालने के लिए दो पंपिंग सेट मशीनें हैं। इसके अलावा दो छोटे प्रेशर टैंकर है। जबकि अजीतमल में 2500 लीटर एवं बिधूना में 3500 लीटर के एक-एक आग बुझाने के लिए टैंकर उपलब्ध हैं। टैंकरों में पानी लेने के लिए औरैया में 8 प्वाइंट थे जो बंद हो चुके हैं। केवल मोहल्ला पढीन दरवाजा स्थित नलकूप से ही पानी उपलब्ध हो पाता है। नगर पालिका को टैंकर में पानी भरने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी चाहिए, लेकिन वह नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में कोल्ड स्टोरों का सहारा लेना पड़ता है। जिले में दमकल विभाग स्टाफ की भी कमी है। जिले में मुख्य अग्निशमन अधिकारी की उपलब्धता है, जबकि 3 इंस्पेक्टर (एफएसओ) होने चाहिए जो नहीं है। हेड कांस्टेबल आठ होने चाहिए जिनमें से 4 एवं चालक आठ होने चाहिए जिनमें चार तथा कांस्टेबल 58 होने चाहिए जिनमें से 27 उपलब्ध है। कुल मिलाकर 39 कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। उपरोक्त जानकारी मुख्य अग्निशमन अधिकारी तेजवीर सिंह ने देते हुए बताया कि आग लगने की 90 से 95 प्रतिशत घटनाएं विद्युत शार्ट सर्किट के चलते होती हैं। जिनके लिए सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से दमकल गाड़ियां रवाना कर दी जाती हैं। आवश्यक स्थान पर वह स्वयं पहुंचते हैं। दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर विलंब से पहुंचने के विषय में बताया कि गाड़ियां रवाना होने के बाद रास्ते में जाम आदि की समस्या आड़े आ जाती है। जिसके चलते घटनास्थल पर पहुंचने में कुछ विलंब हो जाता है। इसके अलावा कुछ स्थान कन्जेस्टेड होते हैं। जिसके चलते गाड़ी नहीं पहुंच पाती है। सूचनाकर्ता यदि डायल 112 पर फोन करता है, तो वहां पूरी जानकारी संग्रह करने में 5 मिनट तो लग ही जाते हैं। इसके बाद फायर स्टेशन को खबर आती है, तो कुछ समय यहां भी लगता है। ऐसी परिस्थितियों में दमकल गाड़ी समय से नहीं पहुंचने के लिए विभाग जिम्मेदार नहीं होता है, फिर भी जिम्मेदार ठहराया जाता है। गाड़ी कुछ विलंब से पहुंचने के लिए विभाग दोषी नहीं है। कहा कि यदि सीधी सूचना फायर स्टेशन को मिलती है तो तत्काल प्रभाव से स्टाफ को गाड़ियों के साथ रवाना किया जाता है।

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