उत्तर प्रदेशलखनऊ

मिट्टी मोल बिक रहा आलू

किसान कोल्ड स्टोरेजों में सुरक्षित रखने में जुटे

कोल्ड स्टोरेजों पर आलू लदे ट्रैक्टर ट्रालियों की लगी लंबी कतारें

जीटी-70017 राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
21 मार्च 2023

आलू की मंदी से तबाह बर्बाद किसान अब आलू को किसी तरह सुरक्षित करने के लिए कोल्ड स्टोरेज में आलू का भंडारण करने के प्रयासों में जुट गये हैं। वहीं अधिकांश कोल्ड स्टोरेज हाउसफुल हो जाने से किसानों की चिंता और परेशानी और अधिक बढ़ गई है। कोल्ड स्टोरेज पर आलू का भंडारण करने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों पर लदे आलू की लंबी-लंबी कतारें लगी नजर आ रही है। कई कई दिन तक कोल्ड स्टोरेज के अंदर आलू न पहुंच पाने से किसानों को ट्रैक्टर ट्रालियों का 2 से से 3 गुना तक अधिक भाड़ा भी ट्रैक्टर मालिकों को देने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे आलू किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। वही ट्रैक्टर ट्रालियों पर आलू भंडारण करने के लिए रात दिन एक करके डेरा जमाए बैठे किसान भी खुले आसमान के नीचे भूख प्यास से परेशान रहने को विवश नजर आ रहे हैं।
भले ही सरकार द्वारा आलू का मूल्य 650 रुपए प्रति कुंतल निर्धारित कर किसानों को सांत्वना देने का लुभावना सब्जबाग दिखा दिया गया है लेकिन जमीनी धरातल पर आलू मंडियों में देखने में आ रहा है कि आलू आज भी 140 रुपए से 150 रुपए प्रति पैकेट मुश्किल से बिकता नजर आ रहा है। इस बार आलू की मंदी से किसानों की लागत और मेहनत डूब जाने से तबाह हो चुके किसानों द्वारा अब आलू को किसी तरह सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज में भंडारण करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं लेकिन अधिकांश कोल्ड स्टोरेज हाउसफुल हो जाने के चलते जिन कोल्ड स्टोरेज में फिलहाल आलू भंडारण की क्षमता शेष बची है, उन कोल्ड स्टोरेजों पर आलू से लदे ट्रैक्टर ट्रालियों की रात दिन लंबी-लंबी कतारें लगी नजर आ रही है। सबसे दिलचस्प और गौरतलब बात तो यह है कि बिधूना कस्बे के एकमात्र कोल्ड स्टोरेज पर आलू लदे ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारों से आलम यह है कि दो से तीन दिन तक किसानों का आलू कोल्ड स्टोरेज के अंदर नहीं पहुंच पा रहा है ऐसे में ट्रैक्टर ट्राली मालिकों द्वारा आलू किसानों से 2 से गुना तक अधिक भाड़ा भी वसूला जा रहा है ऐसे में किसान बर्बादी के बावजूद किराए भाड़े की भी दोहरी मार झेलने को विवश है, साथ ही कोल्ड स्टोरेज तक आलू पहुंचाने के लालच में किसान खुले आसमान के नीचे ट्रैक्टर ट्राली के ऊपर ही भूखे प्यासे रात दिन एक करके भारी कष्ट उठाते नजर आ रहे हैं। कोल्ड स्टोरेज मालिकों द्वारा भी प्रति पैकेट 125 रुपए कोल्ड स्टोरेज का किराया निर्धारित किया गया है वही कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने व बाद में आलू निकालने की अतिरिक्त पल्लेदारी आदि अतिरिक्त खर्च भी आलू उत्पादकों को ही उठाना पड़ता है ऐसे में इस मंदी के दौर में आलू किसानों का फिलहाल कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने के समय भी भविष्य में कुछ भला हो सकेगा यह कह पाना काफी कठिन है।

Global Times 7

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