उत्तर प्रदेशलखनऊ

नहर में पानी नहीं आने से सूख रही किसानों की फसल

सूख रही गेहूं की फसल को देखकर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला ब्यूरोचीफ राम प्रकाश शर्मा औरैया।

औरैया। विकासखंड औरैया क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में नैहरवा बंबा में पानी नहीं आने से किसानों की फसल सूखकर बर्बादी की कगार पर पहुंच रही है इसी बात की चिंता को लेकर किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें दृष्टिगोचर हो रही है किसानों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो उनके सामने खाद्यान्न का संकट उत्पन्न हो जाएगा वह अपना व अपने परिवार का उदर भरण नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही इस महंगाई के दौर में खाद्यान्न खरीदना उनके लिए बहुत ही मुसीबत बन जाएगा। सूखती फसल को देखकर किसानों में निराशा का भाव उत्पन्न होता जा रहा है।

किसानों को भुखमरी का भय सताने लगा है। किसानों ने नहर में पानी छोड़े जाने की गुहार लगाई है जिससे उनकी फसल तबाह होने से बच सकें।
विकासखंड औरैया क्षेत्र के ग्राम जैतापुर, मिर्जापुर वैरमशाह, भडारीपुर, भरसैन, सुरान, शहवदिया, कुम्हापुर व प्रेमनगर सहित अन्य ग्रामीणांचलों के किसानों राजेंद्र सिंह, राजवीर उर्फ गुड्डू ,दीवान सिंह, आकाश, उदल सिंह, सौरभ सिंह, अतर सिंह निवासीगण मिर्जापुर वैरमशाह के अलावा ग्राम जैतापुर निवासी रविंद्र मिश्रा भरसैन निवासी राजेंद्र कुमार, ओमवीर सिंह, इसी तरह से सुरान पुर्वा निवासी सुरेंद्र बाबू, मोहर सिंह व प्रताप सिंह आदि किसानों ने बताया कि इन दिनों नहर व बम्बा सूखे पड़े हैं। जिससे वह अपने गेहूं की फसल को सिंचित नहीं कर पा रहे हैं। किसान राजवीर का कहना है कि नहर के पानी से ही वह फसल को सिंचित करते हैं। नहर व बंबा सूखे पड़े हुए हैं इसी कारण से उनकी गेहूं की फसल सूखने की कगार पर पहुंच रही है। फसल को सूखता देखकर उनके अंदर काफी बेचैनी है। इसी तरह से किसान सौरभ सिंह का कहना है कि गेहूं की फसल सूख जाने से उनके सामने अपने व अपने परिवार के उदर भरण की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। जबकि किसान अतर सिंह का कहना है कि इस महंगाई के दौर में वैसे भी किसान तबाह है, ऊपर से फसल की बर्बादी नहर में पानी नहीं होने के कारण होती जा रही है। बाजार से खाद्यान्न खरीदना उनके लिए असहिज काम है। किसान राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि अति बारिश के कारण वह पहले बाजरा की बुवाई नहीं कर सके, उन्होंने खेतों में गेहूं की फसल बोई है। नहर के अलावा सिंचाई का कोई भी साधन नहीं है जिससे फसल तबाह होते दिख रही है। कहां की यदि नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो फसल सूख कर चौपट हो जाएगी, और उनके सामने विकराल स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। किसान शिशुपाल सिंह का कहना है कि गेहूं की फसल चौपट होते देखकर उन्हें बहुत चिंता सता रही है। फसल की बर्बादी देखकर किसान हतोत्साहित हो रहा है। ग्रामीण किसानों ने नहर में पानी छोड़े जाने के लिए नहीं विभाग की गुहार लगाई है, जिससे उनकी फसल बर्बाद होने से बच सकें।

Global Times 7

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