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विलुप्त होता जा रहा है,घरेलू पक्षी गौरैया का अस्तित्व

ग्लोबल टाइम्स 7 डिजिटल न्यूज नेट वर्क,कंचौसी सहार ब्लॉक ब्यूरो ब्रजेश बाथम

विकिपीडिया++++पक्षी विशेषांक

दादा दादी,नाना नानी के मन को लुभाने वाले सबसे कोमल और सरस स्वभाव वाले पक्षी गौरैया का अस्तित्व धीरे धीरे समाप्त होता जा रहा है।इसका मुख्य कारण जलवाऊ परिवर्तन और हमारे पर्यावरण में घुली हुई विषेली गैसों को माना जा रहा है।वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण ने इस सुंदर पक्षी के अस्तित्व को कम करने में अहम भूमिका निभाई है।घर के आंगन में फुदकते दाना चुनते और चूं चूं करते ये गौरैया पक्षी कितने सुंदर लगते थे जब बचपन में हम सभी लोग गर्मियों की छुट्टियों में अपने नाना नानी के घर जाते थे।कहते है कि गौरैया पक्षी का घर के आंगन में विचरण करना बहुत शुभ माना जाता है।लेकिन मनुष्य ने पर्यावरण को इतना दूषित और विषैला कर दिया है कि पक्षियों को तो क्या मानव जाति को सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। लगातार जंगलों की कटाई और व्रक्षारोपण की कमी के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाने से गौरैया के साथ साथ कई और पक्षियों का अस्तित्व भी लगभग समाप्त हो चुका है जिसमे एक गिद्ध प्रजाति भी है।अभी भी मनुष्य यदि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना छोड़ दे तो गौरैया जैसे पक्षी के अस्तित्व को समाप्त होने से बचाया जा सकता है।

Global Times 7

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