बिना रजिस्ट्रेशन पैथोलॉजी न चलाने के सरकारी के निर्देश चाट रहे धूल
छापेमारी के बाद भी बाज नहीं आए संचालक विरुद्ध खुल रही खुल रही पैथोलॉजियां
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज नेटवर्क, जिला संवाददाता राम प्रकाश शर्मा टीम औरैया।
बिधूना,औरैया। पिछले दिनों एसडीएम के नेतृत्व में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवैध पैथोलॉजी सेंटरों पर की गई छापेमारी और कई पैथोलॉजी सेंटरों पर नोटिस चस्पा कर अपंजीकृत पैथोलॉजी सेंटरों के संचालकों को पंजीकरण न होने तक पैथोलॉजी सेंटर न खोलने का निर्देश दिया गया था लेकिन इसके बावजूद नियम कानून को धता बताते हुए सभी पैथोलॉजी सेंटर लगातार खोले जा रहे हैं जिससे एसडीएम व स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। यूं तो लंबे अर्से से बिधूना नगर क्षेत्र में अवैध रूप से बिना डिग्री डिप्लोमा वालों द्वारा अवैध रूप से संचालित किए जा रहे पैथोलॉजी सेंटरों के खिलाफ क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों द्वारा आवाज उठाई गई थी जिसके चलते जिलाधिकारी प्रकाश चंद श्रीवास्तव के निर्देशन पर उप जिलाधिकारी बिधूना लवगीत कौर के नेतृत्व में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीपी शाक्य लगभग 1 माह पूर्व बिधूना नगर में अवैध संचालित हो रहे पैथोलॉजी सेंटरों पर आकस्मिक छापेमारी की गई थी, और दो अवैध पैथोलॉजी सेंटरों को सीज किए जाने के साथ कई पैथोलॉजी सेंटरों पर नोटिस चस्पा किए गए थे, और अपंजीकृत पैथोलॉजी सेंटरों के संचालकों को पंजीकरण न होने तक पैथोलॉजी सेंटर किसी भी कीमत पर न खोलने के भी सख्त निर्देश दिए गये थे।
इसके बावजूद सभी पैथोलॉजी सेंटर लगातार संबंधित अधिकारियों के निर्देशों की धज्जियां उड़ती दिख रही है। वैसे तो बिधूना नगर में अकेले लगभग आधा सैकड़ा पैथोलॉजी सेंटर संचालित हो रहे हैं लेकिन इस संबंध में पूछे जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना के अधीक्षक डॉ सिद्धार्थ वर्मा के अनुसार बिधूना में मात्र एक मात्र पैथोलॉजी सेंटर पंजीकृत है शेष पैथोलॉजी सेंटर अपंजीकृत है। यही नहीं बिधूना तहसील क्षेत्र के अछल्दा, नेविलगंज, उमरैन, एरवाकटरा, याकूबपुर, सहार, बेला, कुदरकोट, वैवाह, हरचंदपुर, रामगढ़, रुरुगंज, मल्हौसी, कैथावा आदि कस्बों में भी तमाम पैथोलॉजी सेंटर बिना पंजीकरण के बिना डिग्री डिप्लोमा वालों द्वारा अवैध रूप से सरेआम संचालित किए जा रहे हैं और यह सब जानते हुए भी संबंधित अधिकारी अंजान बने हुए हैं। जनचर्चा तो आम यह है कि अवैध पैथोलॉजी सेंटरों पर अंकुश लगाने वाले अधिकारियों की इन अपंजीकृत पैथोलॉजी संचालकों से सांठगांठ है और वह उनसे मासिक मोटी बधौरी वसूल रहे हैं शायद इसी कारण इस पर अंकुश नहीं लग रहा है। यही नहीं यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अधिकांश पैथोलॉजी सेंटर प्रभावशाली लोगों के साथ तथाकथित कुछ सत्ता पक्ष के नेताओं के या तो स्वयं के हैं या उनके संरक्षण में संचालित हो रहे हैं, शायद यही कारण है कि अधिकांश पैथोलॉजी सेंटर संचालक नियम कानून को धता बताते हुए बेखौफ होकर अवैध रूप से पैथोलॉजी संचालित कर मनमाने तरीके से जांच पड़ताल के नाम पर मरीजों का शोषण कर रहे हैं। अब देखना यह है कि निर्देशों को ठेंगा दिखारहे पैथोलॉजी सेंटरों के विरुद्ध कोई कार्रवाई होती है या नहीं। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने सांठगांठ के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि अवैध पैथोलॉजी सेंटर किसी भी कीमत पर संचालित नहीं होने दिए जाएंगे।