उत्तर प्रदेश

रबी फसलों में बीजोपचार का महत्व और तरीका

खेत खलिहान


बीजोपचार एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो फसलों को बीमारियों और कीटों से बचाने में मदद करती है। रबी फसलों में बीजोपचार करने से फसलों की उत्पादकता बढ़ सकती है और किसानों को अधिक मुनाफा हो सकता है।

*विभिन्न फसलों में बीजोपचार के तरीके:*

– *गेहूं*: गेहूं के बीज को फफूंदनाशक दवा थायरम 2 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचार करें। इससे टील्ट स्मट और लूज स्मट जैसे रोगों से बचाव होता है।
– *चना*: चने के बीज को रूट रॉट और कॉलर रॉट से बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज से ट्रीट करें, फिर राइजोबियम कल्चर (20 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचार करें।
– *मटर*: मटर के बीज को थायरम या कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचार करें और बाद में राइजोबियम कल्चर 10 ग्राम प्रति किलो बीज मिलाएं।
– *मसूर*: मसूर के बीज को थायरम या कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज से ट्रीट करें, इसके बाद पीएसबी कल्चर 10 ग्राम प्रति किलो बीज मिलाएं ताकि पौधों को फॉस्फोरस बेहतर मिले।
– *सरसों*: सरसों के बीज को मिट्टीजन्य रोगों से बचाने के लिए थायरम 3 ग्राम या मैनकोजेब 3 ग्राम प्रति किलो बीज से ट्रीट करें।

*बीजोपचार करने का सही तरीका:*

बीज उपचार हमेशा तीन चरणों में करें:

1. *फफूंदनाशक दवा*: सबसे पहले बीज को फफूंदनाशक दवा जैसे थायरम या कार्बेन्डाजिम से ट्रीट करें ताकि फफूंद और मिट्टीजन्य रोगों से सुरक्षा मिले।
2. *कीटनाशक*: इसके बाद यदि जरूरत हो तो कीटनाशक (जैसे इमिडाक्लोप्रिड या क्लोरोपायरीफॉस) का उपयोग करें ताकि दीमक और शुरुआती कीटों से बचाव हो सके।
3. *जैविक ट्रीटमेंट*: अंत में जब बीज सूख जाए, तभी उस पर जैविक ट्रीटमेंट यानी राइजोबियम या पीएसबी कल्चर लगाएं।

बीजोपचार करने से फसलों को कई लाभ हो सकते हैं, जैसे कि:

– *बीमारियों से बचाव*: बीजोपचार करने से फसलों को बीमारियों से बचाया जा सकता है।
– *उत्पादकता में वृद्धि*: बीजोपचार करने से फसलों की उत्पादकता बढ़ सकती है।
– *कीटों से बचाव*: बीजोपचार करने से फसलों को कीटों से बचाया जा सकता है।

इसलिए, किसानों को अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और बीमारियों से बचाने के लिए बीजोपचार करना चाहिए।

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