उत्तर प्रदेशखेत खलिहान

पहले धान बाजरा की नहीं हो पाई बुवाई अब सरसों लाहा की दिख रही आफत

किसानों की हर तरफ से हो रही मात उमड़ रहे संकट के बादल

समय से सरसों व लाहा की बुवाई नहीं हो पाई तो गहरा जाएगा संकट

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला संवाददाता राम प्रकाश शर्मा औरैया।

औरैया। इस वर्ष बरसात ने किसानों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। बरसात के मौसम में पहले तो बरसात नहीं हुई। किसान टकटकी भरी निगाह से आसमान की ओर निहारते रहे। विलंब से बरसात शुरू हुई तो पानी बरसता ही रहा। किसानों को खेतों में ओठ आने का इंतजार करना पड़ा। कुछ किसानों ने खेतों में धान व बाजरा की फसल बोई, लेकिन फिर बरसात होने से किसानों की बोई हुई बाजरा की फसल नहीं जमने से मारी गई। इस तरह से किसानों ने बाजरा की फसल की बुवाई नहीं कर पाई। खेत खाली पड़े देख किसानों की छाती पर मानो सांप लोट गया। ऐसी स्थिति में किसानों ने सरसों व लाहा की बुवाई करने का प्लान बनाया। बुवाई के समय पुनः बरसात होने लगी जिससे किसानों के मंसूबों पर कुठाराघात प्रतीत होने लगा। इन दिनों सरसों व लाहा की बुवाई का समय चल रहा है, और बरसा बंद नहीं हुई तो किसानों की लाहा व सरसों की फसल की बुवाई भी समय से नहीं हो पाएगी , जिससे उन्हें पर्याप्त उपज नहीं मिल सकेगी। इसी को लेकर किसान असमंजस की स्थिति में फंसा हुआ है। हालांकि शासन व प्रशासन किसानों की चिंता को संज्ञान में लेते हुए पहले ही किसानों के हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। देखना है कि शासन व प्रशासन किसानों की समस्याओं का किस तरह से निदान करता है यह भविष्य के गर्त में है।
इस वर्ष बरसात रूपी प्राकृतिक आपदा अन्नदाता किसान को चारों तरफ से घेर रही है। अल्प वारिश व अति वारीश किसानों को हतोत्साहित कर रही है जिसको लेकर जनपद के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर दृष्टिगोचर हो रही है बहुतायत किसानों के बाजरा के बीज धरी की धरी रह गई और उन्होंने फसल बुवाई में विलंब हो जाने के कारण बाजरा की बुवाई नहीं सका। किसानों को अपने पालतू पशुओं के चारा की चिंता सताने लगी जिसको लेकर किसानों ने उपज को दरकिनार कर चारा की भरपाई के लिए बाजरा की बुवाई की है। खाली पड़े खेतों को देखकर किसानों की जिगर पर सांप लोटने लगा तब उसने फसल चक्र बदलते हुए सरसों व लाहा की बुवाई करने का निर्णय लिया। इन दिनों सरसों एवं लाहा की बुवाई का समय चल रहा है और बरसात ने किसानों को बुवाई करने से रोक रखा है लगातार हो रही बरसात से किसान सरसों व लाहा की बुवाई नहीं कर पा रहा है। जिसके कारण वह बहुत ही असमंजस की स्थिति में फंसा हुआ है, यदि समय के रहते बरसात बंद नहीं हुई तो किसानों की सरसों व लाहा की फसल भी पिछड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिले की विकासखंड औरैया, अजीतमल, भाग्यनगर सहार, बिधूना , एरवाकटरा व अछल्दा आदि के किसानों का कहना है कि यदि समय से सरसों व लाहा की बुवाई नहीं कर पाई तो उनके सामने खाद्यान्न के साथ-साथ आर्थिक संकट भी खड़ा हो जाएगा। किसानों का कहना है कि पहले ही वह बाजरा की फसल उपज की तौर पर नहीं हो पाई है, लेकिन अब सरसों व लाहा की फसल भी बरसात के कारण जाती हुई दिख रही है। फसल पिछड़ने से उन्हें वास्तविक उपज नहीं मिल सकेगी जिससे आर्थिक संकट भी सामने आएगा। लखनऊ मौसम विभाग ने पूर्वानुमान के तहत आगामी 17 सितंबर तक बरसात जारी रहने का अलर्ट जारी किया है। ऐसी स्थिति में किसानों की फसल पिछड़ने की संभावना बनी हुई है। अल्प बारिश एवं अति बारिश को लेकर शासन व प्रशासन किसानों का हित चिंतन करते हुए पहले से ही सूखाग्रस्त क्षेत्रों में मुआवजा देने के लिए कार्य योजना बना रहा है। देखना है कि किसानों तक शासन और प्रशासन की मुहिम कितना काम करती है क्या किसानों को वास्तविक मुआवजा मिल सकेगा अथवा सर्वे हवा हवाई साबित होगा?

Global Times 7

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