युवा नशा मुक्त होकर मनाएं होली का पावन पर्व-रीनू यादव
होली के त्योहार पर ऊच-नीच की खाई होती है बहुत कम, आपसी सौहार्द से मनाएं त्यौहार
जीटी-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट रामप्रकाश शर्मा।
26 मार्च 2024
#औरैया।
भारतीय त्योहारों में होली का बहुत महत्व है। होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली को फाल्गुन ‘या वसंत ऋतु के आगमन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली का त्योहार सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है। यह बहुत सारे रंग, पानी के फुहारे, और गुब्बारों के संग युवाओं को नशा मुक्त होकर होली का त्यौहार युवाओं की नशा मुक्त होकर इस पावन पर्व को मनाना चाहिए।
कंचौसी हीरानगर निवासी समाजसेवी एचडीएफसी बैंक की वित्तीय सलाहकार रीनू यादव ने युवाओं को नसीहत देते हुए कहा कि होली का त्यौहार इस दिन को और रंगीन कर देता है। होली एक सौहार्दपूर्ण त्यौहार है, जिसमें लोग वर्षों पुरानी दुश्मनी लड़ाई, झगड़ा भुलाकर एक दूसरे से गले मिल जाते हैं, इसी लिए इस त्यौहार को दोस्ती का भी प्रतीक कहा गया है। इस दिन समाज में कोई ऊंच-नीच नहीं देखता। सभी लोग एक दूसरे को गले लगा कर होली का त्यौहार मनाते हैं। इससे समाज में ऊंच-नीच की खाई कम होती है। इस लिए यह त्यौहार सामाजिक महत्व भी रखता है। इस दिन सभी लोग आपस के गिले शिकवे मिटा कर मिलते है, और सभी को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए लोगों को इस त्यौहार से शिक्षा मिलती है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, हमेशा अच्छाई की जीत होती है। इस लिए वह हमेशा अच्छे रास्ते को ही अपनाए। होली का महत्व हमारे जीवन के हर पहलू में महसूस किया जाता है, क्योंकि इस दिन हम अपने मतभेदों को भूल जाते हैं और त्योहार की खुशियों को साझा करने के लिए एक-दूसरे को गले लगाते हैं। भारत में होली का त्यौहार सभी के जीवन में बहुत सारी खुशियों और रंग भरता है। लोगों के जीवन को रंगीन बनाने के कारण इसे आमतौर पर रंग महोत्सव कहा गया है। यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतीक होली का सामाजिक महत्व भी है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं। क्योकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक होता है। इस पावन पर्व को जिला फिरोजाबाद, औरैया समेत भारत में मनाया जा रहा है, ऐसे में सभी व्यक्तियों को सौहार्दपूर्ण विशेष कर युवाओं को नशा मुक्त होकर बड़े प्रेम से मनाना चाहिए।